पंचायत सचिव ने पांच हजार में बेचा लोकसेवा केंद्र का आइड पासवर्ड, ऐसे हुआ खुलासा

Anurag Gupta1, Last updated: Sat, 2nd Oct 2021, 1:05 PM IST
इंदौर पुलिस ने फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले जालसाजों का भंडाफोड़ किया. पंचायत सचिव ने पांच-पांच हजार में बेचा लोकसेवा केंद्र का लॉगिन आइडी पासवर्ड. जिससे जालसाजों ने फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड सहित जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनाए.
इंदौर में जालसाजों ने बनाए फर्जी प्रमाणपत्र (प्रतीकात्मक फोटो)

इंदौर. बाणगंगा थाना पुलिस ने प्रियांशी ऑनलाइन सेंटर पर छापा मारकर फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. संचालक प्रदीप और अजय फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड सहित जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनाते थे. पुलिस ने मौके से कई जाली दस्तावेज भी बरामद किये थे. मामले में प्रमाणपत्र और आइडी बनाने वाले गिरोह में पंचायत सचिव की भी भूमिका सामने आई है. जालसाज सचिव की लॉगिन आइडी से जाली प्रमाणपत्र तैयार करते थे.

आरोपी का नाम शाकिर खान है जिसने दलालों से पांच-पांच हजार लेकर आइडी पासवर्ड बेचें थे. पुलिस फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. पुलिस को शाकिर सहित लोकसेवा केंद्र से जुड़े कर्मचारी वर्षा मिश्रा और विजय पवार की तलाश है. बाणगंगा पुलिस को कुछ लोग हाथ लगे है लेकिन फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अभी गिरफ्त से बाहर है. बाणगंगा पुलिस लगातार उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है.

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लोकसेवा केंद्र के कर्मचारियों से थी सांठगांठ:

कुछ दिन पहले शांतिनगर के प्रियांशी आनलाइन सेंटर पर छापे के दौरान फर्जी आयुष्मान, आधार और वोटर आइडी कार्ड सहित जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बरामद हुए थे. मामले में पुलिस ने आकाश साहनी, रोहित कुशवाह और देवीलाल को गिरफ्तार किया था. पुलिस को जांच में पता चला कि जालसाजी में संलिप्त सभी आरोपियों का एक व्हाट्सप्प ग्रुप है. साथ ही पता चला कि आरोपितों की कलेक्टोरेट, परदेशीपुरा सहित अन्य लोकसेवा केंद्रों के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ है. जिनसे वो आवेदकों के दस्तावेज लेकर फर्जी प्रमाणपत्र बनाते थे. 

जांच के दौरान फर्जीवाड़े में शामिल आरोपी रोहित के मोबाइल से पता चला कि गिरोह में मगरखेड़ा पंचायत का पूर्व सचिव शाकिर खान भी शामिल है. रोहित ने पुलिस को बताया कि शाकिर पांच-पांच हजार में लॉगिन आइडी-पासवर्ड बेच देता था. जिसके बाद जालसाज खुद लॉगिन करके फर्जी प्रमाणपत्र बना लेते थे. एएसआइ जबरसिंह ने मुख्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की तो मौके से तीनों फरार हो गए.

 

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