इंदौर: एक करोड़ 44 लाख का मुआवजा पाने के लिए कलेक्टर का किया फर्जी साइन
- इंदौर. एक ही परिवार की तीन महिला और एक पुरुष पर जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में दर्ज हुआ मुकदमा देपालपुर तहसील में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहीत जमीन से जुड़ा मामला मुआवजे के लिए दाखिल की गई याचिका वाली भूमि पहले ही बिक चुकी थी, नहीं हुआ था खारिज दाखिल
इंदौर। इंदौर में एक करोड़ 44 लाख रुपए मुआवजा पाने के लिए जालसाजों ने कलेक्टर के फर्जी साइन कर दिए. छानबीन में जालसाजी का खुलासा हुआ. पुलिस ने जालसाजी करने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इनमें एक परिवार की तीन महिला व एक पुरुष शामिल थे. मुआवजा पाने के लिए जालसाजी कर कलेक्टर के फर्जी साइन किए थे.
दरअसल देपालपुर तहसील में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहीत की गई जमीनों से जुड़े कई मामले सामने आए थे जिनमें काश्तकारों ने अपनी जमीनों के लिए मुआवजे की मांग की थी. इन्हीं में से एक काश्तकार ने मुआवजा पाने के लिए कलेक्टर का फर्जी साइन कर दिया. दरअसल जिस जमीन के लिए आरोपियों ने मुआवजे का आवेदन किया था. वह जमीन पहले ही बिक चुकी थी लेकिन अभी तक इस का दाखिल खारिज नहीं हो सका था.
इसके चलते जमीन बिकने के बाद भी पुराने काश्तकार का नाम ही रिकॉर्ड में चल रहा था. जमीन खरीदने वाले नए काश्तकार ने तहसील में अपने नाम को कंप्यूटर में दर्ज नहीं करवाया था जिसके चलते अभिलेखों में पुराने काश्तकार का नाम ही दर्ज था. इस बात का फायदा उठाते हुए भू अर्जन शाखा में मुआवजे के लिए प्रस्ताव तैयार कर एक फ़ाइल भेजी गई थी. जिस पर तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव की फर्जी साइन थी.
इन दस्तावेजों की जांच किए जाने के लिए रजिस्ट्रार से संपर्क किया गया तो मामला पकड़ में आया.जालसाजी करने के मामले में अब्दुल नासिर व उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को जालसाजी व धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया.
अन्य खबरें
इंदौर: 30 कंपनियां अक्टूबर से दिसंबर में करेंगी प्लेसमेंट