इंदौर:बोरिंग में भ्रष्टाचार का खुलासा पुलिस थानों से लेकर नगर निगम अधिकारि भी शामिल

Smart News Team, Last updated: Mon, 10th Aug 2020, 4:19 PM IST
  • इंदौर शहर में बोरिंग की फर्जी अनुमति देने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे. गिरफ्तार दो आरोपियों से पूछताछ में पुलिस थानों से लेकर नगर निगम और नेताओं तक से मिलीभगत. नगर निगम में आरोपियों की एक की पत्नी और दो भाई भी पुलिस की राडार पर आ गए है.
इंदौर पुलिस

इंदौर शहर में फर्जी अनुमति देकर बोरिंग लगवाने के मामले में गिरफ्तार आरोपी नमित और अंकित ने पुलिस पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. दोनों आरोपियों ने बताया कि पिछले तीन महीने से फर्जी अनुमति जारी करने का काम वे कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंकित की पत्नी और दो भाई भी नगर निगम की नर्मदा परियोजना में कार्यरत है.

अब पुलिस पूरे फर्जीवाड़े के मामले में इनकी भूमिका की भी जांच कर रही है. साथ ही अंकित और नमित की वाट्स एप चैटिंग व कॉलिंग भी पुलिस के हाथ लगी है. जिसमें नमित, अंकित से कह रहा है- ‘डरने की कोई बात नहीं, अपने संबंध नेताओं से तगड़े हैं. हमारा कोई कुछ नहीं कर पाएगा.

राजेंद्र नगर टीआई सुनील शर्मा ने बताया कि दोनों आरोपियों के बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है. यहीं नहीं नगर निगम और पीएचई विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि तीन महीने में दोनों आरोपियों के पास किन-किन एसडीएम कार्यालयों से बोरिंग के लिए पत्राचार हुआ है और किन-किन कार्यालयों को इन्होंने वापस टीप लिखकर फाइलें भेजी हैं. जो फाइलें नहीं भेजी गई हैं या इन्होंने हेराफेरी की है, उसकी भी जानकारी मांगी है. वहीं यह भी पता चला है कि थाने में भी अवैध बोरिंग कराने का रैकेट सक्रिय है. जो 20 से 50 हजार रुपए में सांठ-गांठ कर बिना अनुमति बोरिंग करा देता है.

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