इंदौर: हिम्मत ने दिया सहारा, 5 बार असफल होने के बाद राहुल बनेंगे फ्लाइंग ऑफिसर

Smart News Team, Last updated: Mon, 31st Aug 2020, 7:33 PM IST
  • इंदौर में इंजीनियरिंग करने वाले राहुल सिंह परमार को एयरफोर्स काॅमन एडमिशन टेस्ट में मिली सफलता. पांच बार एसएसबी इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन रहे असफल, छठवीं बार मिली सफलता. मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र राहुल को मिलेगी राफेल के रखरखाव की जिम्मेदारी.
फ्लाइंग ऑफिसरों की टुकड़ी (प्रतिकात्मक फ़ोटो)

इंदौर: इंदौर शहर में रहकर इंजीनियरिंग करने वाले छात्र राहुल सिंह परमार ने एयरफोर्स काॅमन एडमिशन टेस्ट में सफलता हासिल की है. वे प्रदेश से चयनित तीन प्रतिभागियों में से एक हैं. राहुल ने बताया कि उनकी हैदराबाद में डेढ़ साल की ट्रेनिंग होगी. इसके बाद वे एयर फोर्स में टेक्निकल विभाग में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त होंगे. उनके पास राफेल सहित विभिन्न विमानों के रखरखाव का जिम्मा होगा.

पायलट बनने का था सपना इसलिए नहीं की शादी

राजगढ़ (ब्यावरा) जिले के रामगंज गांव में रहने वाले राहुल ने ट्रेनिंग में जाने से पूर्व बताया कि उनके गांव की आबादी लगभ साढ़े चार सौ है. रामगंज मूलरूप से खेतीहरों का इलाका है इसलिए कम पढ़ाई और जल्दी शादी आम बात है. लेकिन गांव में वे अकेले ऐसे युवा हैं जिनकी इस उम्र में भी शादी नहीं हुई.

राहुल जब छठी कक्षा में पढ़ते थे तभी से पायलट बनने का सपना था. इसके लिए चयन हो भी जाता लेकिन उनका उम्र पायलट के लिए तय उम्र से एक दिन अधिक था. जिस कारण उनका चयन एयरोनाॅटिकल इंजीनियरिंग की मैकेनिकल स्ट्रीम में हुआ. उन्होंने बताया कि हैदराबाद के अलावा बेंगलुरू में भी उनकी ट्रेनिंग होगी.

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पाँच बार असफल हुए लेकिन नहीं हारी हिम्मत

राहुल ने बताया कि उनकी उम्र जब चार की थी तभी सगाई हो गई थी. लेकिन एयरफोर्स में सेलेक्ट के लिए अविवाहित होना जरूरी है, जिसके चलते उन्होंने शादी नहीं की. दो बार सीडीएस तथा तीन बार एएफकैट के माध्यम से वे पांच बार एसएसबी इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन असफल रहे. बावजूद इसके उन्होंने मेहनत जारी रखा और आखिर कार छठी बार में उन्हें सफलता हासिल हुई. पांच दिन तक चले इंटरव्यू में सायकोलाॅजिकल, ग्राउंड टास्क और साक्षात्कार के बाद अंतिम चयन हुआ.

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मैकेनिकल इंजीनियरिंग के चलते मिलेगी विमानों के रख-रखाव की जिम्मेदारी

रिटायर्ड कर्नल निखिल दीवानीजी ने कहा एफकैट के माध्मय से वायुसेना अपने पायलट, मेंटेनेंस और एडमिनिस्ट्रेशन के अफसरों का चुनाव करती है. राहुल मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं, इसलिए उन्हें विमानों के रख-रखाव की जिम्मेदारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि मेरिट में आने के कारण यह उम्मीद जताया जा रहा है राफेल का मेंटेनेंस उनको दिया जाएगा.

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