इंदौर : कमलनाथ के किसान प्रेम पर लालवानी ने साधा निशाना, कहा- कभी खेत में गए हैं

Smart News Team, Last updated: Mon, 31st Aug 2020, 10:27 PM IST
  • इंदौर के भाजपा सांसद लालवानी ने कहा- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को किसानों का दर्द नहीं पता. 15 माह की सरकार में किसानों के लिए कुछ नहीं किया. उपचुनाव को लेकर सियासत शुरू.
शंकर लालवानी

इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस पर निशाना साधा है. दरअसल, इन दिनों कांग्रेस किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी है. उसकी एक बड़ी वजह है प्रदेश के किसानों की सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई है और प्रदेश में कई जिलों में बने बाढ़ के हालात के चलते अन्नदाता दुखी हो चला है. 

उपचुनाव को देखते हुए दोनों पार्टियों की सियासत शुरू हो चुकी है. कांग्रेस किसानों की कर्ज माफी और मुआवजे की मांग को लेकर सड़को पर उतरने का एलान कर चुकी है वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में किसानों के लिये फसल बीमा से लेकर जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के साथ मुआवजे की घोषणा की है.

इधर, मुख्यमंत्री के हालिया इंदौर प्रवास के बाद अब बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने कांग्रेस की 15 माह की सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके कमलनाथ पर निशाना साधा है। लालवानी ने सवाल उठाया कि क्या कभी कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों की सुध ली ? क्या एक बार भी वो किसी खेत मे गए? आज तक उन्होंने कभी खेत देखा ही नहीं, किसान के पास गए ही नहीं तो उनको क्या मालूम कि फसल कैसे और क्यों खराब होती है और किसानों का क्या दर्द है.

लालवानी ने कहा कि यह तो हमारे शिवराज सिंह चौहान जी हैं, जिन्होंने हालातों को देखा है. इंदौर आने के पहले वो खातेगांव गए और वहां किसानों की फसलों को देखा. जब प्रदेश में बाढ़ आई तो उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दो बार दौरा किया। लालवानी ने कहा कि कांग्रेस नौटंकी करती है और बीजेपी किसानों की पार्टी है. 

शिवराज सिंह चौहान को उन्होंने किसान हितैषी बताया और कहा कि वो हमेशा किसानों के दुःख दर्द में खड़े रहते हैं. बता दें कि इंदौर में लोकरपनौर भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह ने भी पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो घर में रहकर ही काम करना पसंद करते हैं. कुल मिलाकर उपचुनाव के पहले दोनों में जुबानी जंग शुरू हो गई है.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें