इंदौर: ब्लैक फंगस को लेकर नगर निगम ने तैयार किया मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम

Smart News Team, Last updated: Wed, 19th May 2021, 12:51 PM IST
  • इंदौर नगर निगम ने ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए 5 सदस्यों की टीम का गठन किया. कंट्रोल रूम से ही हर रोज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक शहर भर के पोस्ट कोविड मरीजो के स्वास्थ्य की लेगी जानकारी.
इंदौर नगर निगम में ने ब्लैक फंगस को ध्यान में रखते हुए टीम का गठन किया है .

इंदौर. कोरोना के साथ ही अब ब्लैक फंगस भी प्रशासन और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है और ये ही वजह है कि जहां संभाग आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने 9 डॉक्टरों की टीम म्यूकर मायकोसिस के बढ़ते मामलो की स्टडी के लिए बनाई है तो वही अब इंदौर नगर निगम की टीम अब से पोस्ट कोविड मामलों की मॉनिटरिंग करेगी.दरअसल, इंदौर नगर निगम ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड-19 कंट्रोल रूम में 5 सदस्यीय दल का गठन किया गया है.इसमें 5 ऑपरेटर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक एक मार्च से जितने भी मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हैं, उन्हें कॉल करके उनसे उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे.

निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने जानकारी दी है कि मरीजों को ब्लैक फंगस के लक्षणों के बारे में भी सूचित करने के साथ ही अगर किसी मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण की पुष्टि होती है तो उसे त्वरित अपने निजी डॉक्टर या एम.वाय. हॉस्पिटल में संपर्क करने की सलाह देंगे. इससे मरीज को ब्लैक फंगस इंफेक्शन ज्यादा न फैल सके और सही समय पर उसका उपचार हो सके. ब्लैक फंगस में शुरुआती समय में विभिन्न लक्षण दिखते हैं, जिसमें एक तरफ आंख का दर्द होना, चेहरे का दर्द, बुखार, मुंह से दुर्गंध, नाक बंद होना, जकड़न होना, नाक फूलना,  नाक से रक्त निकलना,  साइनस का दर्द होना, नाक में सूजन आना, खांसी में खून निकलना आदि शामिल है. इसके साथ ही इन लक्षणों के अलावा ब्लैक फंगस बीमारी में जैसे दिखने वाले लक्षण जिसकी समझाइश ऑपरेटर द्वारा भी दी जाएगी. इसमें आंखों में धुंधलापन, अचानक दृष्टि से कम दिखना, आंखों में सूजन आना, चेहरे का पक्षाघात होना, लकवा, मिर्गी के दौरे, भूलना आदि शामिल है.

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ब्लैक फंगस से कैसे बचा जा सकता है इस बारे में भी निगम की टीम द्वारा सुझाव दिए जाएंगे, जिनसे मरीज घर पर थोड़ी सावधानी रखकर इस बीमारी से बच सकता है. इसके लिए नियमित निगरानी के साथ ही ब्लड शुगर का सख्त नियंत्रण में होना. इसके लिए दिन में 5 बार शुगर टेस्ट (नाश्ते से पहले,  दोपहर के भोजन से पहले,  दोपहर भोजन के बाद, रात के खाने से पहले एवं रात के खाने के बाद) करना आवश्यक है .साथ ही तरल पदार्थों का पर्याप्त सेवन, उच्च कोटि के अधिक प्रोटीन युक्त आहार और पर्याप्त संतुलित भोजन भी संक्रमण से बचाने एवं रोकथाम में सहायक होगा. इसके साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा दी निर्धारित दवाई ले, अपने मन से या बिना डॉक्टर की सलाह के स्टीरोइड न ले, स्वयं की और आसपास की स्वच्छता को बनाए रखें इन बातों को लेकर भी कंट्रोल रूम से ही लोगों को जानकारी दी जाएगी.

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