इंदौर: छह माह का वादा दो वर्ष बीतने के बाद भी स्मार्ट सड़क का कार्य अधूरा

Smart News Team, Last updated: Fri, 4th Sep 2020, 12:26 PM IST
  • इंदौर. निगम के अधिकारियों द्वारा स्मार्ट सड़क को छह माह में पूरा किए जाने का दावा पेश किया गया था. दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क को रफ्तार के पंख नहीं लग सके. इन दो वर्षों में निगम आयुक्त के तीन अधिकारी बदल चुके हैं और सड़क अभी भी अधूरी पड़ी हुई है.
प्रतीकात्मक तस्वीर 

इंदौर नगर निगम ने 8 मई 2018 को जवाहर मार्ग के तैयारी लाल रूट के रूप में बनाई जा रही सरवटे से गंगवाल बस स्टैंड रोड पर तोड़फोड़ शुरू की थी. निगम के अधिकारियों द्वारा इसे छह माह में पूरा किए जाने का दावा पेश किया गया था. मगर दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस सड़क को रफ्तार के पंख नहीं लग सके हैं और लोग टूटी फूटी गलियों में बने अपने आशियाना में रहकर गुजर बसर कर रहे हैं.

बीती 8 मई 2018 से नगर निगम द्वारा सड़क बनाए जाने का कार्य शुरू किया गया था. जिसके तहत 30 नवंबर को अंडरग्राउंड बिजली की फिटिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया था. जयरामपुर से गोराकुंड सड़क के लिए 100 दिन का टारगेट रखा था. जिसे निगम ने 130 दिनों में पूरा कर दिया. मच्छी बाजार से चंद्रभागा तक के एक हिस्से में तो अभी तक काम शुरू ही नहीं हुआ है. जबकि हाथीपाला पर मकान भी तोड़े जाने का कोई कार्य नहीं कराया जा सका है.

इन दो वर्षों में निगम आयुक्त के तीन अधिकारी बदल चुके हैं और सड़क अभी भी अधूरी पड़ी हुई है. जिससे यहां के लोगों में आक्रोश पनप का हुआ दिखाई दे रहा है. इस सड़क का निर्माण निगम आयुक्त मनीष सिंह के कार्यकाल में शुरू हुआ था. मगर वह कलेक्टर बन गए और वापस इंदौर चले गए. इसके बाद आशीष सिंह निगमायुक्त आए सड़क का काम अधूरा पड़ा रहा और वह भी कलेक्टर बन कर चले गए. अब इस कार्य को पूरा कराए जाने के लिए निगम आयुक्त प्रतिभा पाल अपना दावा प्रस्तुत कर रही हैं.

बीते दो वर्षों से निर्माण का कार्य न होने से लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है. सरवटे गंगवाल स्मार्ट सड़क पूरी न होने से कई लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना भी उठाना पड़ता है. वही नगर निगम इस देरी के बारे में कुछ भी नही बोल रहा है.

 

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