इंदौर: यूनियन बैंक सहायक मैनेजर ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन सब्सिडी का किया गबन

Smart News Team, Last updated: Sat, 5th Sep 2020, 8:17 AM IST
  • फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन की सब्सिडी निकालकर करता था गबन, साथी के बैंक अकाउंट में मिले 63 लाख रुपए आरोपी विशाल डांगी के बैंक खाते में 9 लोगों के लोन के 63 लाख रुपए आने की जानकारी मिली
प्रतीकात्मक तस्वीर

 

इंदौर। इंदौर के यूनियन बैंक के सहायक बैंक मैनेजर द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर गबन किए जाने को लेकर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

इस दौरान बैंक मैनेजर पर अलग-अलग लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन निकाले जाने को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी. जिस पर साइबर पुलिस की टीम ने जांच की.

जांच के दौरान घटना में संलिप्त पाए गए सहायक मैनेजर सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान साइबर पुलिस टीम ने पूरी घटना का खुलासा किया.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने आवेदक को सब्सिडी वाला लोन दिलाने के नाम पर दस्तावेज लिए.

इसके बाद एमपी ऑनलाइन के कियोस्क से लोन फार्म जमा कर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के मुद्रा लोन की सब्सिडी निकाल कर गबन कर लिया.

आरोपी सब्सिडी वाले मुद्रा लोन को फर्जी तरीके से साथियों के साथ मिलकर निकाल रहा था. आरोपी ने अब तक कई फर्जी लोन करवाए हैं. इस दौरान आरोपी ने 7 लाख रुपये का लोन कराया. जिसमें वह फस गया.

मामले में फंसने पर आरोपी फरार हो गया. पुलिस ने आरोपी सहायक बैंक मैनेजर की काफी तलाश की. इसके बाद पुलिस ने उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया.

राज्य सायबर सेल एसपी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि फरियादी सुदामा नगर के शैलेंद्र ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से 7 लाख रुपए लोन लिए जाने की शिकायत की थी.

पुलिस ने फरियादी के बैंक अकाउंट को जांचा तो पता चला कि उसके नाम से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आरो चिल्ड वाटर का सामान खरीदने के लिए सात लाख रुपए का सब्सिडी वाला मुद्रा लोन लिया गया है.

दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि आवेदक के नाम से स्कीम नंबर - 71 दस्तूर गार्डन के पीछे शैलेन्द्र चिल्ड वाटर के नाम से फर्जी रेन्ट एग्रीमेंट तैयार कर वाॅटर प्लांट का नगर निगम से व्यवसायिक लाइसेंस बनवाकर मुद्रा लोन लिया गया.

जालसाजों ने दस्तावेज और फोटो के जरिए फर्जी रेंट एग्रीमेंट को तैयार करवाएं

आरोपियों ने आवेदक के दस्तावेज और फोटो के जरिए फर्जी रेन्ट एग्रीमेंट तैयार कर निगम से लाइसेंस लेकर एमपी ऑनलाइन के लिए लोन के लिए आवेदन किया.

इसके बाद लोन के पैसे खाते में आने के बाद ही यूनियन बैंक के सहायक मैनेजर अरुण जैन के जरिए आरोपियों ने उसे आरो चिल्ड वाटर के सामान का फर्जी कोटेशन देकर अवतार स्पेयर सेंटर के नाम से डीडी बनवा लिया.

इस डीडी को आरोपियों ने परिचित विशाल डांगी के करंट एकाउंट अवतार स्पेयर सेंटर के खाते में जमा कर दिया. इसके बाद आरोपी पिन्टू कजरे ने अपनी फर्जी फर्म रामेश्वर इन्टरप्राइजेस के खाते में डांगी से रुपए ट्रांसफर करवा लिए.

लोन के रुपए चुकाने के लिए पिन्टू ने पांच लाख रुपए आवेदक के खाते में जमा कर दिए.

जिन रुपयों से अरुण लोन को खत्म कर देता. इसके बाद बचे हुए दो लाख रुपए आरोपी महेश दुबे, पिन्टू कजरे, सोनू उर्फ सोहन पवार, विशाल डांगी, अरुण जैन ने आपस में बांट लिए.

आरोपी डांगी के फर्जी बैंक खाते में कुल 9 फर्जी लोन के 63 लाख रुपये आये

आरोपी डांगी के फर्जी बैंक खाते में कुल 9 फर्जी लोन के 63 लाख रुपए आने की जानकारी मिली है.

इस खाते में अभी तक 9 फर्जी लोन के 63 लाख रुपए क्रेडिट हुए हैं जो अलग-अलग डेट पर क्रेडिट किए गए हैं. रूप सिंह डांगी निवासी गुमास्ता नगर ने फर्जी फर्म अवतार स्पेयर सेंटर में सब्सिडी वाले 7 लाख अपने खाते में डलवाए.

इसके बाद चेक के जरिए चिंटू के खाते में ट्रांसफर कर दिए. अलग-अलग लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन जारी कर गिरोह द्वारा पैसे का गबन किया जा रहा था.

साइबर सेल ने टीम गठित कर इसका भंडाफोड़ किया. अभी तक दर्जनों लोग इनकी ठगी का शिकार हो चुके हैं.

 

 

 

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