कहते रहे " कि बुलाती है मगर जाने का नही" और खुद ही हमेशा के लिए चले गए इंदौरी
- इंदौर.देश के जाने माने शायर राहत इंदौरी का कोरोना के चलते देहांत हो गया. अब वो हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी शायरी उनके फैंस को हमेशा उनकी याद दिलाती रहेगी. हाल ही में सोशल मीडिया पर टिक टॉक एप्प के माध्यम से उनकी एक शायरी ने खूब वाहवाही लूटी थी.

इंदौर। उर्दू ज़ुबान के मशूहर शायर राहत इंदौरी हमारे बीच नही रहे. लेकिन लोगों के बीच उनकी जुबां से निकले वाले अल्फ़ाज़ हमेशा जिंदा रहेंगे जो उनकी याद दिलाते रहेंगे. हाल ही में उनकी एक शायरी हर युवा और बुजुर्गों की जुबां पर रही 'की वो बुलाती है मगर जाने का नही, ये दुनिया है उधर जाने का नही' जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी. जिसको लेकर टिक टॉक पर भी लोगों ने वीडियो बनाये गए थे.
सोशल मीडिया पर उनकी शायरी पर बने थे वीडियो
शायर राहत इंदौरी की एक शायरी ने युवाओं के बीच बेहद लोकप्रियता बटोरी थी. उनकी शायरी कि बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनिया है उधर जाने का नही' को लेकर सोशल मीडिया पर युवाओ ने बड़ी संख्या में वीडियो बनाये थे और इस शायरी को खूब वायरल किया गया था. जिसके बाद हर किसी की ज़ुबान पर उनकी यह शायरी सुनाई देने लगी थी. इतना ही नहीं, बच्चो ने टिक टॉक एप्प पर इसी शायरी पर कॉमेडी वीडियो तक बना दिए थे.
बुलाती है मगर जाने का नही - कहते हुए चले गए इंदौरी
मशूहर शायर राहत इंदौरी की जुबां से निकले अल्फ़ाज़ में कुछ ना कुछ ऐसा होता था जिसे सुनने को श्रोता बेताब हो जाते थे. ऐसी ही थी उनके जुबां से निकली वो शायरी जिसे वो अक्सर सुनाया करते कि बुलाती है मगर जाने का नहीं, ये दुनियां उधर जाने का नही. लेकिन किसे पता था कि कोरोना महामारी एक दिन उर्दू के इस मशूहर शायर को हमेशा के लिए उनके फैंस से दूर ले जाएगी.
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