इंदौर: हिंदू धर्म में पैदा हुए मुस्लिम शख्स के अंतिम संस्कार को लेकर हुआ विवाद, जानिए क्या है मामला

Haimendra Singh, Last updated: Tue, 21st Sep 2021, 11:46 AM IST
  • एमपी के इंदौर में एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर व्यक्ति की मां और पति के बीच विवाद हो गया. हिन्दू परिवार में जन्मे व्यक्ति ने कुछ वर्षों पहले मुस्लिम महिला से शादी कर ली थी. दोनों पक्ष अपने-अपने धर्म में व्यक्ति का अंतिम संस्कार करना चाह रहे थे.
हिन्दू परिवार में जन्में मुस्लिम व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हुआ विवाद.( सांकेतिक फोटो )

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अजीब मामला सामने आया है जहां एक व्यक्ति के निधन के बाद उसके परिजन और रिश्तेदार का आपस में विवाद हो गया. दोनों ही तरफ के लोग व्यक्ति का अलग-्अलग धर्मों के रीति-रिवाज के हिसाब से अंतिम सरकार करना चाहते थे. विवाद को बढ़ता देखकर अंतिम सस्कार पर फैसला लेने के लिए दोनों पारिवारिक सदस्यों को प्रशासिनक अधिकारी की मदद लेनी पड़ी. प्रशासन ने भी मृतक का दोनों के ही धर्म के आधार पर अंतिम संस्कार कराने का फैसला दिया.

मामला इंदौर का है. देवास में जन्में 48 वर्षीय प्रकाश मालवीय का जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था. कुछ वर्षों पहले प्रकाश ने मुस्लिम महिला हारुन बी से निकाह कर लिया. जानकारी के अनुसार, प्रकाश ने हारुन बी से निकाह करने के बाद इस्लाम धर्म अपनाकर अपना नाम सलीम खान रख लिया. रविवार की रात इंदौर के एक अस्पताल में सलीम खान उर्फ प्रकाश मालवीय का निधन हो गया. सलीम की मौत की खबर सुनकर उनकी मां और बहन भी शव को लेने के लिए अस्पताल पहुंच गई. दोनों पक्ष अपने-अपने धर्मों के हिसाब से व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने चाह रहे थे. इसपर दोनों पक्षों में विवाद हो गया.

यूपी चुनाव में सिंधिया और शिवराज करेंगे CM योगी की मदद, ऐसी है प्रचार की तैयारी

सूचना के बाद तहसीलदार राजेश सोनी भी अस्पताल पहुंच गए, एक अखबार से बात करते हुए राजेश ने बताया कि मृतक व्यक्ति की मां सोराम बाई चाहती थी कि उसका वैदिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जाए, वहीं उसकी पत्नी हारुन बी और बेटी रानी शेख चाहती थी कि उसे इस्लामी रीति-रिवाजों के तहत दफनाया जाए. मामले की गंभीरता और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यक्ति के शव को उसकी पैतृक घर एक घंटे के लिए भेज दिया गया. उसके बाद सलीम को इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया गया.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें