अकेले इंदौर में एमपी के आधे से भी ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले, जाने डॉक्टर की राय

Smart News Team, Last updated: Sun, 23rd May 2021, 1:46 PM IST
  • इंदौर में ब्लैक फंगस के 400 केस सामने आए हैं. 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में इंदौर के हालात खराब हैं .लिहाजा विशेषज्ञ डॉक्टर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील कर रहे है.
ब्लैक फंगस ने इंदौर में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं .

इंदौर.  ब्लैक फंगस के फंगल इंफेक्शन ने मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर पर इतना तगड़ा प्रहार किया है कि अब इंदौर देश के चुनिंदा शहरों में शामिल हो चुका है. दरअसल, अब तक केंद्र द्वारा ब्लैक फंगस से संक्रमित राज्यों की सूची में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी केस नहीं है, वहीं बहुत से राज्य ऐसे हैं जिनमें इंदौर से भी कम केस हैं और 8 राज्य ऐसे हैं, जहां यह बीमारी तेजी से सब जगह पर पैर पसार रही है. इसमें मध्यप्रदेश भी शामिल है. यहां पर अब 720 ब्लैक फंगस के पीड़ित सामने आ चुके हैं. इनमें आधे से ज्यादा बीमारी के शिकार लोग अकेले इंदौर में है.

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 इंदौर में ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजो की संख्या 400 तक पहुंच गई है. इंदौर के एमवाय अस्पताल में ब्लैक फंगस मरीजों की जल्द पहचान के लिए दो एंडोस्कोपी मशीनें शनिवार को आ चुकी हैं . यहां ब्लैक फंगस से संक्रमित 84 मरीजों की एंडोस्कोपिक सर्जरी एवं 54 मरीजों के अन्य सर्जिकल ऑपरेशन अभी तक संपन्न किए जा चुके हैं. वही 175 से ज्यादा मरीजो का इलाज एम.वाय. अस्पताल में जारी है. डॉक्टरों के मुताबिक ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए मरीजों को अस्पतालों में करीब 15 से 20 दिन तक भर्ती रहना पड़ रहा है और निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज के लिए इलाज का खर्च 10 से 15 लाख तक आ रहा है. इस बीमारी में लग रहे लाइपोजोमल एम्फोटेरिसन बी इंजेक्शन की कीमत 7 से 8 हजार रुपए है। इसके साथ ही अस्पताल के अन्य खर्चों के साथ एक दिन का बिल करीब 50 हजार रुपए बन रहा है. ऐसे में प्रायवेट वार्ड में भी भर्ती होने पर 15 से 20 दिन का बिल 10 से 15 लाख रुपए बन रहा है. इन आंकड़ों से ये साफ हो रहा है इंदौर में ब्लैक फंगस को लेकर सरकार और प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है. वही विशेषज्ञ डॉक्टर पोस्ट कोविड केस में लगातार मॉनिटरिंग पर जोर दे रहे है.

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एमवाय अस्पताल के मेडिसीन विभाग हेड डॉक्टर वीपी पांडे ने बताया कि ब्लैक फंगस के जो मरीज आ रहे हैं उनमें या तो हल्के कोरोना के लक्षण थे और वो ठीक हो गए हैं. हल्के लक्षण ने इन मरीजो के इम्यून सिस्टम को कोरोना ने प्रभावित किया हो, इस वजह से ऐसे मरीजों को ब्लैक फंगस होने की संभावना जताई जा रही है. वही उन्होने बताया कि ब्लैक फंगस के लक्षण अगर सामान्य व्यक्ति में भी नजर आ रहे हैं तो उन्हें नजर अंदाज ना करते हुए तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए. वही ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के साथ ही प्रारम्भिक दौर में ही  तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह भी डॉ. पांडे ने दी है.

 

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