CM शिवराज बोले- महिलाओं को पुरुष से कमजोर बताने वाले पाठों को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से हटाया जाए

Smart News Team, Last updated: Tue, 6th Jul 2021, 11:25 AM IST
  • महिला सशक्तिकरण और बाल-कल्याण की बैठक में एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, कि किताबों में महिलाओं को पुरूषों से कमतर बताने वाले अशों को शैक्षणिक कोर्स से हटाया जाए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान.( फाइल फोटो )

इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लैंगिक समानता को लेकर सराहनीय फैसला लिया है सीएम ने कहा, कि राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम से महिलाओ को पुरुष से कम बताने वाले भागों को किताबों से हटाया जाएगा. इससे समाज में जेंडर इक्वलिटी बढ़ेगी. सीएम शिवराज आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण और बाल-कल्याण पर गठित अंतर विभागीय समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे. महिला अधिकारियों-कर्मचारियों के पद नाम के लिए उपयोग की जाने शब्दों में भी समानता का भाव आवश्यक है. शिक्षिका के स्थान पर शिक्षक जैसे शब्दावली का प्रयोग किया जाए.

अंतर विभागीय समूह की बैठक में सीएम चौहान के साथ गृह, जेल एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह भी मौजूद रहे, वहीं खेल, युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने वचुर्अली बैठक में हिस्सा लिया.

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इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सराहनीय फैसला लिया है सीएम ने कहा, कि राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम से महिलाओ को पुरुष से कम बताने वाले भागों का किताबों से हटाया जाएगा. इससे समाज में जेंडर इक्वलिटी बढ़ेगी. सीएम शिवराज आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण और बाल-कल्याण पर गठित अंतर विभागीय समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, कि महिला अधिकारियों-कर्मचारियों के पद नाम के लिए उपयोग की जाने शब्दों में भी समानता का भाव आवश्यक है. शिक्षिका के स्थान पर शिक्षक जैसे शब्दावली का प्रयोग किया जाएगा.

अंतर विभागीय समूह की बैठक में सीएम चौहान के साथ गृह, जेल एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह भी मौजूद रहे, वहीं खेल, युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभु राम चौधरी ने वचुर्अली बैठक में हिस्सा लिया.

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बैठक में स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा, शिक्षा स्तर में संवर्धन, महिलाओं के सम्मान, बालिकाओं के प्रोत्साहन के लिए वातावरण निर्माण, जेंडर समानता, बाल श्रम, गुमशुदा बच्चों की स्थिति, बच्चों में नशे की प्रवृत्ति, संपत्ति अधिकार को बढ़ावा देने, आर्थिक सशक्तिकरण, बाल शोषण, अनाथ और बाल देख-रेख तथा संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की स्थिति के संबंध उचित फैसला लेने की बात कही. बैठक में सीएम ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए 18 वर्ष तक शिक्षा उपलब्ध कराने का फैसला किया है.

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