इंदौर में GST बढ़ाने के विरोध में व्यापारी बजाएंगे थाली, शंख-घंटी, 3 दिन ब्लैक आउट

Indrajeet kumar, Last updated: Mon, 20th Dec 2021, 10:40 PM IST
इंदौर शहर के कपड़ा व्यापारी केंद्र सरकार के द्वारा कपड़े पर बढ़ाए गए जीएसटी का विरोध करेंगे. केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से 5 प्रतिशत की जगह 12% जीएसटी लगा दिया है. व्यापारी इसके विरोध में थाली, लोटा, शंख, और घंटी बजाएंगे. साथ ही 21 से 23 दिसंबर तक हर रात 20 मिनट तक दुकानों की लाइट बंद कर ब्लैक आउट करेंगे.
फाइल फोटो

इंदौर. इंदौर शहर के कपड़ा व्यापारी केंद्र सरकार के द्वारा कपड़े पर 1 जनवरी से 5 प्रतिशत की जगह 12% जीएसटी लागू किए जाने का विरोध कर रहे हैं. कपड़ा व्यापारी विरोध जताने के लिए थाली, लोटा, शंख, और घंटी बजाएंगे. साथ ही विरोध जताने के लिए 21 दिसंबर से 23 दिसंबर तक तक हर रात को 20:00 मिनट तक दुकानों की लाइट बंद कर ब्लैक आउट करेंगे. इससे पहले भी व्यापारी थाली बजाकर, दुकान के अंदर रखे डमी को काले कपड़े पहना कर और मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के फैसलों का विरोध कर चुके हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी संघर्ष समिति के प्रचारक संयोजक अरुण बाकलीवाल और श्रीमंत महाराजा तुकोजी राव कपड़ा बाजार के मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष हंसराज की ओर से विरोध का खाका तैयार कर लिया गया है. पूरे प्रदेश के कपड़ा व्यापारी एक साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे. 21 दिसंबर से 23 दिसंबर तक सभी कपड़ा व्यापारी एक ही समय पर 20 मिनट तक अपनी-अपनी दुकानों के सामने बाहर खड़े होकर थाली, लोटा, घंटी, और शंख बजाएंगे. इसके अलावा सभी दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों की लाइट 20 मिनट के लिए बंद रखेंगे. सभी दुकानदार शाम 7:00 बजे से लेकर 7:20 बजे तक आपने अपनी दुकान की लाइट बंद रखेंगे.

एयर होस्टेस का पेशा छोड़ बनी ड्रग्स क्वीन, बच्चों के डाइपर में करती थी तस्करी, अरेस्ट

प्रचार संयोजक अरुण बाकलीवाल ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के मामले पर कपड़ा व्यापारियों से संपर्क साधा गया है. इसमें ज्यादातर व्यापारी शीतलामाता बाजार रिटेल एसोसिएशन इंदौर रिटेल गारमेंट, साठा बाजार, नलिया बाखल, पाटनीपुरा, शक्कर बाजार, मूसाखेड़ी, मालवा मिल, रिवर साइड रोड आदि क्षेत्र के हैं. यह सभी व्यापारी विरोध प्रदर्शन में साथ देंगे साथ ही एसोसिएशन ने आंदोलन में शामिल होने के लिए आसपास की मंडियों के व्यापारियों से भी संपर्क किया है. व्यापारियों का कहना है कि सरकार अगर उनके मांगों पर अमल नहीं करती है, तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें