मेडिकल पाठ्यक्रम में हेडगेवार,दीनदयाल के विचार शामिल करने को लेकर कांग्रेस नाराज, कमलनाथ बोले...

Prachi Tandon, Last updated: Mon, 6th Sep 2021, 6:14 PM IST
  • शिवराज सरकार के MBBS पाठ्यक्रम में हेडगेवार, दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को शामिल करने को लेकर कांग्रेस ने अपनी नाराजगी जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा दोनों नेताओं का देश के स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था फिर भी भाजपा महिमामंडन करने पर लगी है.
MBBS पाठ्यक्रम में हेडगेवार,दीनदयाल के विचार शामिल करने को लेकर कांग्रेस नाराज(प्रतीकात्मक फोटो)

इंदौर. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार मेडिकल विद्यायर्थियों के पाठ्यक्रम में बलिराम हेडगेवार, दीनदयाल उपाध्याय, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद, महर्षि चरक, आचार्य सुश्रुत के विचारों को शामिल करने का फैसला किया था. शिवराज सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी दल कांग्रेस काफी नाराज है.

शिवराज सरकार का कहना है पाठ्यक्रम में बदलाव करके मेडिकल के छात्रों को संस्कृति और ऐतिहासिक मूल्यों से अवगत कराने का प्रयास किया जाएगा. मध्यप्रदेश चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने इस मामले में सुझाव देने के लिए पांच सदस्यों की टीम का गठन किया है. सरकार द्वारा गठित टीम आयुर्वेद के संस्थापक माने जाने वाले चरक और सुश्रुत समेत स्वामी विवेकानंद और महान हस्तियों के जीवन पाठों को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर सुझाव देगी.

पीसीसी चीफ और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए बिना किसी का नाम लिए कहा कि जिन्हें पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की बात की जा रही है उनका क्या योगदान रहा है जिन्हें मेडिकल के छात्र पढ़ें. कमलनाथ ने इसी के साथ कहा कि उनके नेताओं का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था फिर भी भाजपा उनका महिमामंडन करने पर लगी है. 

MP के मेडिकल छात्र पढ़ेंगे हेडगेवार, दीनदयाल उपाध्याय के विचार, शिवराज सरकार कर सकती है पाठ्यक्रम में बदलाव

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जवाब में कहा कि डॉक्टरों को भी पता होना चाहिए कि इतिहास में किसने क्या किया है. महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं है तो वहीं हेडग्रावर ने देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया है. वीडी शर्मा ने इसी के साथ कहा कि असली गांधी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है लेकिन आज के गांधी परिवार की बात करें तो उनके नेताओं को सोचना चाहिए कि उन्होनें देश के लिए क्या किया है.

मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने ही महत्वपूर्ण शख्सियतों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विचार दिया था, उन्होनें कहा कि इसका सिर्फ एक मकसद है कि नैतिक मूल्यों से लैस अच्छे डॉक्टरों को तैयार किया जा सके. 

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