स्कूल परिसर में जुआरियों के साथ पत्ते फेंटते कैमरे में कैद हुए प्रिंसिपल और हेडमास्टर, सस्पेंड

Atul Gupta, Last updated: Tue, 18th Jan 2022, 4:12 PM IST
  • स्कूल परिसर में इलाके के जुआरियों के साथ अपने हाथ का हुनर दिखाते प्रिंसिपल और हेडमास्टर कैमरे में कैद हुए हैं. वीडियो वायरल होने के बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है.
स्कूल में जुआ खेलते प्रिंसिपल और हेडमास्टर (फोटो- सोशल मीडिया)

इंदौर: कोरोना के चलते देश के कई स्कूल बंद हैं लेकिन टीचर और स्कूल प्रिंसिलप स्कूल आते हैं. काम करने के लिए नहीं. कुछ धूप सेकने और कुछ जुआ खेलने. आप कहेंगे क्या मजाक है लेकिन ये सच है और ये सच कैमरे में कैद हुआ है. मामला मध्य प्रदेश के सिहोपुर जिले के कोटारा गांव का है जहां सर्दी की गुनगुनी धूप में जमघट लगाकर स्कूल के प्रिंसिपल और हेडमास्टर आसपास के इलाकों के जुआरियों के साथ पत्ते फेंटते दिखे. किसी ने पीछे से वीडियो बना ली और वीडियो क्लिप वायरल कर दी. अब मामला सरकारी था तो प्रसाशन को भी अलर्ट होना पड़ा और नतीजा ये हुआ कि स्कूल प्रिंसिपल सस्पेंड कर दिए गए.

रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रिंसिपल रमेश माहौर जो कोटरा गांव के गवर्नमेंट सैकेंड्री हाई स्कूल प्रिंसिपल हैं वो और गांव के कुछ जुआरी स्कूल परिसर में जुआ खेलते पकड़े गए. और तो और जब हेडमास्टर साहब को पता चला कि प्रिंसिपल साहब मैदान में जुआ खेल रहे हैं तो उनकी बाहें भी फड़क उठी और वो भी बैठ गए प्रिंसिपल और जुआरियों के बीच अपने हाथ की कारिगरी दिखाने और फिर चलने लगा एक के बाद एक बाजियों का दौर. प्रिंसिपल और हेडमास्टर साहब को जुआ खेलते किसी ने कैमरे में रिकार्ड कर लिया और शिक्षा विभाग तक वीडियो पहुंच गया.

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शिक्षा विभाग ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए वीडियो की जांच कराई और आरोपी प्रिंसिपल और हेडमास्टर साहब को सस्पेंड कर दिया. जिला शिक्षा अधिकारी एसएस सोलंकी ने कहा कि वायरल वीडियो के आधार पर हेडमास्टर को तत्काल सस्पेंड कर जांच शुरू कर दी गई है.

आपने और हमने बचपन से यही पढ़ा और सीखा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और टीचर को तो हम भगवान के बराबर का दर्जा देते हैं. संस्कृत का एक श्लोक है गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा, गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह। यानी गुरू ही ब्रम्हा है, गुरू ही विष्णु है, गुरू ही शिव है.. गुरू साक्षात पर्मब्रम्ह है लेकिन ऐसे ही कुछ भ्रष्ट शिक्षकों की वजह से पूरा का पूरा शिक्षक समाज बदनाम होता है.

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