अब MP में पैरेंट्स से निजी स्कूल नहीं ले पाएंगे मनमानी फीस, SC ने दिए ये आदेश

Smart News Team, Last updated: Sun, 22nd Aug 2021, 2:32 PM IST
  • सुप्रीम कोर्ट ने मनमानी फीस मामले में जागृत पालक संघ की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के निजी स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. जिसके अनुसार, अब निजी स्कूल पैरेंट्स से किस मद में कितनी फीस ले रहे हैं, इसकी जानकारी वो पैरेंट्स को देंगे. साथ ही उनको यह जानकारी जिला शिक्षा समिति को भी देनी होगी, जो इसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेगी.
प्राइवेट स्कूल अब मनमानी फीस नहीं वसूल कर सकेंगे.

इंदौर. मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस को लेकर चल रही मनमानी पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. अब स्कूलों को बच्चों के पैरेंट्स को बताना होगा कि वो जो फीस वसूल रहे हैं वो किस मद में ले रहे हैं. वहीं, जिला शिक्षा समिति को किसी भी पैरेंट्स द्वारा मिली शिकायत का निदान चार सप्ताह में करना होगा. प्रदेश के निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस के नाम पर स्कूल प्रबंधन बच्चों के पैरेंट्स से मनमानी फीस वसूल रहा है. जिसके विरोध में जागृत पाल संघ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. वहीं, वर्तमान सत्र की फीस का मामला एमपी हाईकोर्ट में लंबित है. जिसकी सुनवाई सितंबर तक हो सकती है.

जानकारी को शिक्षा विभाग की वेबसाइट में भी किया जाएगा अपलोड

याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि निजी स्कूल पैरेंट्स को किस मद में कितनी फीस ली जा रही है ये जानकारी देंगे. साथ ही स्कूलों को यह जानकारी जिला शिक्षा समिति को देनी होगी. जो इस जानकारी को दो हफ्ते में अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेंगे, ताकि आमजन उसे देख सके. साथ ही यदि को पैरेंट्स जिला शिक्षा समिति के पास कोई शिकायत लेकर आता है तो उसका निदान दो हफ्ते में करना होगा. 

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एसोसिएशन की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की निरस्त

सुप्रीम कोर्ट में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने याचिका दायर कर राजस्थान की तरह 15 फीसदी कटौती के अलावा फीस लेने के फैसले को एमपी में लागू करने की मांग की. जिस पर दूसरे पक्ष के वकील से आपत्ति लगाते हुए कहा कि इस समय ऐसी मांग गलत है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की बात से सहमत होते हुए एसोसिएशन की याचिका निरस्त कर दी. 

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