इंदौर: रेंजर सही से नहीं गिन पाए बांस की संख्या, काटा गया इतना वेतन
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इंदौर: शहर में बैंबू मिशन प्रोजेक्ट के कार्य में रेंजरों के द्वारा की गई लापरवाही उनपर ही भारी पड़ी। दरअसल बैंबू मिशन प्रोजेक्ट के अंर्तगत किसानों के खेतों में लगे बांस के पौधों का सत्यापन करना था, लेकिन रेंजर ने तय समय में काम पूरा नहीं किया और मनमाफिक रिपोर्ट बनाकर विभाग के समक्ष पेश कर दिए। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले में कार्रवाई करते हुए संबंधितों की 15 दिन की तनख्वाह रोक दी है।
दरअसल, मिशन प्रोजेक्ट के तहत एक तय समय में रेंजर द्वारा किसानों के खेतों में लगे बांस के पौधों का सत्यापन करना था, लेकिन रेंजर ने काम पूरा नहीं किया और लापरवाही बरतते हुए अपने मनमुताबिक रिपोर्ट बनाकर सत्यापन के आंकड़े विभाग के समक्ष पेश कर दिए। इस लापरवाही के कारण किसानों के खाते में शासन की ओर से पैसा नहीं डाला जा सका है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीर मानते हुए जरों का नवंबर माह का 15 दिन का वेतन रोक दिया है। वहीं मामले की जांच अभी जारी है।
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बता दें जुलाई में इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों के खेतों के चारों तरफ बांस के पौधे लगाए गए थे। वहीं तीन माह बाद इंदौर, चोरल, महू और मानपुर रेंज में इनकी गिनती होना था। इसके साथ ही प्रत्येक रेंज को अक्टूबर-नवंबर के बीच ही सत्यापन का काम करना था। वहीं रेंजरों ने रिपोर्ट बनाकर वनमंडल में सौंपी, लेकिन वन संरक्षक इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने इस मामले की गोपनीय तरीके से जांच कराई तो सामने आया कि रेंजरों द्वारा पौधों की गिनती में लापरवाही बरती गई है।
वहीं इस मामले में रेंजरों की लापरवाही को देखते हुए वन सरंक्षक द्वारा रेंजरों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है साथ ही नवंबर माह में 15 दिन की तनख्वाह रोक दी है। इसके साथ ही वन संरक्षक ने रेंजरों को कारण बताओ नोटिस भी भेजा है।
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