इंदौर: बूस्टर डोज नहीं लेने पर 20 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का रुक सकता है वेतन

MRITYUNJAY CHAUDHARY, Last updated: Tue, 25th Jan 2022, 10:24 AM IST
  • इंदौर प्रशासन कोरोना वायरस के बूस्टर डोज नहीं लेने वाले 20 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोकने का फैसला किया है. प्रशासन ने यह फैसला बूस्टर डोज में सुस्ती दिखा रहे कर्मचारियों पर सख्त रवैया अपनाते हुए लिया है.
इंदौर में कोरोना वायरस के बूस्टर डोज नहीं लेने पर 20 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का रुक सकता है वेतन

इंदौर (भाषा). मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में सरकार कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगाया जा रहा है. जिसे लगवाने में अधिकांश कमर्चारी सुस्ती दिखा रहे है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है. जिसके चलते 20 हजार से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का वेतन रुक सकता है. दरअसल सरकार ने बूस्टर डोज लेने में सुस्ती दिखा रहे सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोकने का फैसला किया है.

जिलाधिकारी मनीष सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा महामारी के खिलाफ जारी जंग में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों का अगला वेतन तभी जारी होगा. जब वे महामारी रोधी टीके की एहतियाती खुराक ले लेंगे. हमने इस संबंध में शासकीय कोषालय के अफसरों को जरूरी निर्देश दे दिए हैं.

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जिलाधिकारी ने कहा कि ये निर्देश उन्हीं कर्मचारियों पर लागू होंगे जिन्होंने तय समय-सीमा बीतने के बावजूद लापरवाही दिखाते हुए महामारी रोधी टीके की एहतियाती खुराक नहीं ली है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार की स्थिति में इंदौर जिले के करीब 12,000 स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा अग्रिम पंक्ति के अन्य कार्यकर्ताओं में शामिल लगभग 10,000 सरकारी कर्मचारी महामारी रोधी टीके की एहतियाती खुराक के पात्र थे.

अधिकारी ने बताया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मचारियों, राजस्व विभाग के अमले और पंचायती राज संस्थाओं के कारिंदों को भी गिना जाता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,86,216 मरीज मिले हैं. जिनमें से 1,409 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.

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