शिवराज कैबिनेट का विस्तार, सिंधिया के समर्थक सिलावट और राजपूत बने मंत्री

Smart News Team, Last updated: Thu, 5th Aug 2021, 8:48 AM IST
  • मध्य प्रदेश राज्य कैबिनेट का विस्तार हो गया. शिवराज सरकार में दो मंत्री शामिल किए गए. इनके नाम गोंविद राजपूत और तुलसी सिलावट है. दोनों मंत्री सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं. इन्हें राजभवन में राज्यपाल आनंदी पटेल ने शपथ दिलाई.
शिवराज कैबिनेट का विस्तार, सिंधिया के समर्थक सिलावट और राजपूत बने मंत्री

इंदौर. मध्य प्रदेश राज्य कैबिनेट का विस्तार हो गया. शिवराज सरकार में दो मंत्री शामिल किए गए हैं.  इनके नाम गोंविद राजपूत और तुलसी सिलावट है. इन्हें राजभवन में राज्यपाल आनंदी पटेल ने शपथ दिलाई. यह दोनों मंत्री सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं. शपथ लेने के दौरान राजभवन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस मौजूद रहे.

मध्यप्रदेश उपचुनाव के परिणाम 10 नवंबर को आए थे. इसके बाद से कैबिनेट विस्तार का इंतजार हो रहा था. इसको ध्यान में रखते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ चार दौर की मीटिंग हुई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 जनवरी को कैबिनेट के विस्तार को मंजूरी मिल गई थी. 

शिवराज सिंह चौहान के एक बार दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री गोविंद राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग और तुलसी सिलावट को जल संसाधन विभाग दिए गए थे. सूत्रों के मुताबिक दोबारा इन्हें यही विभाग मिल सकते हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा दोनों मंत्रियों को कोई दूसरा विभाग देना चाहती थी लेकिन राष्ट्रीय नतृत्व और सांसद सिंधिया के बीच हुई बातचीत और सहमति के बाद एक बार फिर से इन्हें यही मंत्रालय दिए जाएंगे.

आपको बता दें कि चुनाव शिवराज कैबिनेट के 14 सदस्‍यों बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, गिर्राज दंडौतिया, तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया,बृजेंद्र सिंह यादव, गोविंद सिंह राजपूत और डॉ. प्रभुराम ने  लड़ा था. इन 14 सदस्यों में से इमरती देवी, एदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए थे. दो लोगों को उपचुनाव के दौरान ही छह महीने का कार्यकाल पूरा होने पर मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब दोनों को फिर से कैबिनेट में लिया गया है पर इसके बाद भी 4 पद खाली रह गए. मतलब कि आगे भी कैबिनेट क विस्तार होगा.

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