मेडिकल साइंस का कमाल, चार हाथ और चार पैर वाले नवजात को डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी
- घर पर ही डिलीवरी के बाद चार-हाथ पैर वाले नवजात को पहले झाबुआ के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे इंदौर के एमवाय अस्पताल रैफर किया गया. डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम ने सफलतापूर्वक सर्जरी कर बच्चे की जान बचाई.
इंदौर. एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने विलक्षण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. डॉक्टरों की टीम ने एक ऐसे नवजन्मे बच्चे को नई जिंदगी दी है. जिसके चार हाथ, चार पैर हैं. यह अपने आप में किसी करिश्मे से कम नहीं है क्योंकि चार हाथ-पैर और एक सिर वाला यह बच्चा हेट्रोफोगस नामक बीमारी से ग्रसित था.
जानकारी मुताबिक बच्चे का जन्म घर में ही हुआ, बच्चे के माता-पिता झाबुआ के ग्रामीण क्षेत्र में रहते है। बच्चे का जन्म हुआ तब ही उन्हें पता चला कि बच्चा सामान्य नहीं है. ग्रामीण आदिवासी मोनिका का कहना है कि उसकी डिलीवरी घर पर ही हुई और उसका यह तीसरा बच्चा है. मोनिका ने बताया कि जब यह अजीब बच्चा पैदा हुआ तो वह झाबुआ के अस्पताल में लेकर गई. वहां से बच्चे और मां को एम वाय अस्पताल इंदौर रेफर किया गया. ऑपरेशन करके बच्चे को स्वस्थ किया गया और अब वह और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
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डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा हेट्रोफोगस नामक बीमारी से ग्रसित था. इस तरह की बीमारी 10 से 20 लाख बच्चों में से एक को होती है. जिसके इलाज में कम से कम 5 से 7 लाख रुपए का खर्च आता है. बच्चे को 12 तारीख को अस्पताल लाया गया, जिसे स्पेशल डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेट करने का फैसला लिया और सफलतापूर्वक सर्जरी कर बच्चे को बचाया जा सका.
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बच्चे के पिता का कहना है कि वे उसे जब एमवाय अस्पताल लेकर आए तो उन्हें उम्मीद नही थी कि बच्चा बचेगा, लेकिन डॉक्टरों के चमत्कार को अब वे धन्यवाद कह रहे है. गौर हो कि मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल एमवाय यूँ तो अपनी लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में रहता है, लेकिन इस बार एमवाय हॉस्पिटल ने एक अनूठे ऐतिहासिक ऑपरेशन की वजह से सुर्खियों में अपनी जगह बनाई है।
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