बदमाश जीरो प्रतिशत पर लोन दिलाने का बिछा रहे जाल, कर रहे लोगों से लाखों की ठगी

Smart News Team, Last updated: Thu, 5th Aug 2021, 9:36 AM IST
  • मध्यप्रदेश के इंदौर में कुछ बदमाश बैंकों से जीरो परसेंट पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. इस तरह के मामलों की शिकायत कई लोगों ने साइबर सेल में की है. इन मामले में बड़े और नामी-गिरामी बैंकों के नाम पर सबसे पहले एजेंट लोगों को फोन करता है और जीरो प्रतिशत पर लोन देने का झांसा देता है.
इंदौर में कुछ बदमाश बैंकों से जीरो परसेंट पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं

इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर में कुछ बदमाश बैंकों से जीरो परसेंट पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. इस तरह के मामलों की शिकायत कई लोगों ने साइबर सेल में की है. इन मामले में बड़े और नामी-गिरामी बैंकों के नाम पर सबसे पहले एजेंट लोगों को फोन करता है और जीरो प्रतिशत पर लोन देने का झांसा देता है. पहले लोगों को लोन देने की गारंटी दी जाती है. इसके बाद बैंक की सेफ्टी के नाम पर बीमा कराया जाता है, जिसके लाख रुपये तक लोगों से वसूल लिए जाते हैं. लोगों से दस्तावेज लेकर उन्हें लोन देने का कहा जाता है और उसके बदले उनसे रुपये वसूलते हैं.

वहीं, बीमा के नाम पर रुपये लेने के बाद एजेंट अधिकारियों के माध्यम से बात कराते हैं और फिर लोन देने का कहा जाता है. बहुत दिन बाद तक जब लोन नहीं मिलता तो लोग बैंकों में जाकर पता करते हैं, तब पता चलता है कि उनके साथ ठगी हो गई है. हाल ही में यह घटना परदेशीपुरा में रहने वाले जगदीश सिंह के साथ घटी. उन्होंने बताया कि उन्हें दो महीने पहले फोन आया था कि उनके खाते के मुताबिक उन्हें होम लोन दिया जा रहा है. 

उन्होंने बताया कि वे पहले भी लोन के लिए प्रयास कर चुके हैं, लेकिन हुआ नहीं है. इस पर एजेंट ने फोन पर कहा कि उनकी ब्रांच मुंबई में है और वे मुख्यालय से जीरो प्रतिशत पर लोन देना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें एक बीमा करवाना पड़ेगा. इसके लिए एक लाख रुपये जमा करने होंगे. वे जितने का लोन लेंगे, उतने ही रुपये वापस देने होंगे. इस पर जगदीश मान गए, एजेंट ने पासबुक, पेनकार्ड, आधार कार्ड और छह महीने का अकाउंट स्टेटमेंट ले लिया. कुछ दिन बाद फोन आया कि लोन हो चुका है, केवल बीमा के रुपये जमा करना हैं. इसके बाद लोन दे दिया जाएगा. एजेंट ने राष्ट्रीयकृत बैंक के नाम से लिंक भेजी, जिसमें डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट करना था. उन्होंने एक लाख 10 हजार रुपये पेमेंट कर दिए.

वहीं, तीन दिन बाद एजेंट के अधिकारी का फोन आया और उसने कहा कि लोन नहीं हो सकता. जगदीश ने बीमा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि बीमा की पालिसी हो चुकी है. जब बीमा के दस्तावेज मांगे तो उन्होंने नहीं दिए. इसके बाद एजेंट और अधिकारी का फोन बंद आया. परदेशीपुरा स्थित बैंक में जाकर पता किया तो अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की कोई लोन की स्कीम हमने नहीं निकाली और न ही उनके दस्तावेज बैंक में जमा किए गए. वहीं, इसकी शिकायत जगदीश ने क्राइम ब्रांच और साइबर सेल में की. अब पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

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