यहाँ हर रक्षाबन्धन पर रावण को बाँधी जाती हैं राखियाँ

Smart News Team, Last updated: Tue, 4th Aug 2020, 5:27 PM IST
  • इंदौर. देश मे ही एक शहर ऐसा भी है जहाँ रक्षाबंधन के दिन रावण के कलाई में राखी बाँधी जाती है। मध्यप्रदेश के परदेशीपुरा में 10 अक्टूबर सन 2010 में रावण की प्रतिमा स्थापित की गई थी, और यहाँ की महिलाएं रावण को सबसे अच्छा भाई मानकर उनके कलाई में राखी बाँधती हैं।
महिलाएं रावण को सबसे अच्छा भाई मानकर उनके कलाई में राखी बाँधती हैं।

भारत देश तमाम विभिन्नताओं के लिए जाना जाता है। यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपनी मान्यता के अनुसार देवी देवताओं की पूजा करते हैं। हिन्दू मतावलम्बी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को बड़े ही श्रद्धा से पूजते हैं वहीं प्रकाण्ड विद्वान रावण की भी पूजा होती है। लेकिन इस देश मे एक ऐसा भी शहर है जहाँ हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन महिलाएं रावण के कलाई में राखी बाँधती हैं। मध्यप्रदेश के परदेशीपुरा में बने एक मन्दिर में रावण की मूर्ति स्थापित की गई है और रक्षाबंधन के पर्व पर उनके हाथ राखियों से भर जाता है। यहाँ के महिलाओं का मानना है कि एक बहन के लिए रावण से अच्छा कोई नहीं है।

दिल्ली के निकट ग्रेटर नोयडा के बिसरख गांव, यूपी के कानपुर, राजस्थान के जोधपुर के चांदपोल, मध्यप्रदेश के विदिशा के रावणग्राम, मंदसौर, इंदौर, हिमांचल प्रदेश व आंध्र प्रदेश में रावण के भव्य मंदिर बनाये गए हैं। और इनकी पूजा की जाती है। वहीं मध्यप्रदेश के परदेशीपुरा में भी एक मन्दिर में रावण की मूर्ति स्थापित की गई है जहाँ रक्षाबंधन के पर्व पर इस मन्दिर की एक अलग विशेषता देखने को मिलती है। इस दिन यहाँ महिलाओं का तांता लगा रहता है और ये महिलाएं पूजा के बाद दशानन के हाथों में रखियाँ बाँधती हैं।

वर्ष 2010 के अक्टूबर माह के दसवीं तारीख को यहाँ एक एक मन्दिर में रावण की मूर्ति स्थापित की गई। तब से लेकर आज तक यहाँ रावण की पूजा पाठ तो की ही जाती है, वहीं भाई बहन के अटूट विश्वास के पर्व रक्षाबंधन पर स्थानीय महिलाओं द्वारा उनके कलाई में राखियाँ भी बाँधी जाती हैं। दरअसल, रक्षाबंधन के दिन सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही थी जिसमें एक महिला रावण के हाथों में राखी बाँधती नजर आ रही है। जब इस वायरल तस्वीर के बारे में पता किया गया तो जो जानकारी मिली वह हैरतअंगेज कर देने वाली थी। जानकारी के मुताबिक परदेशीपुरा क्षेत्र में महेश गौहर और उनके परिजनों द्वारा एक संकल्प के साथ रावण को पूजा जाता है और वे रावण को राक्षस न मानते हुए प्रकांड विद्वान मानकर पूजन करते हैं।

यही नही उनके परिवार की आने वाली पीढ़ी में रावण के पारिवारिक रिश्तेदारों के नाम है। जो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी वो इसी क्षेत्र की रहने वाली मनोरमा चंदेले की है। जो तस्वीर में रावण की कलाई पर राखी बांधती नजर आ रही है। मनोरमा चंदेले की माने तो रावण जैसा भाई हर किसी के नसीब में होना चाहिए क्योंकि रावण ने अपनी बहन सूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए अयोध्या के नरेश श्रीराम से युद्ध किया था। वहीं स्थानीय नागरिक महेश गौहर बताते है कि क्षेत्र की महिलाएं हर साल रावण को इसी तरह से राखी बांधती हैं।

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें