इंदौर में कोरोना से जंग के लिए सितम्बर में मिलेगी" कोबास 8800" मशीन
- एमपी में जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी जब महज दो लैब जांच के लिए थे. लेकिन आज यह बढ़कर आज 88 हो चुके हैं. जिसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना जांच में तेजी आई है.

दरअसल मध्यप्रदेश में मार्च में पहली बार कोरोना ने दस्तक दी थी. उस समय प्रदेश में सिर्फ दो लैब ही इस वायरस की जांच के लिए थे. आज ऐसी 88 लैब पूरे प्रदेश में संचालित हो रहे हैं और सभी जिलों में लैब उपलब्ध हैं. 10 सरकारी और 7 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के लैब भी जांच और उपचार के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. कोरोना मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में मार्च की तुलना में 31 जुलाई तक 10 गुना से ज्यादा बिस्तर तैयार कर लिए एक हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट और एचडीयू बेड की संख्या 30 गुना बढ़ा दी है.
वहीं इंदौर में 188 नए मरीज सामने आए, जबकि तीन की मौत हो गई. शहर में एक्टिव मरीजों को आंकड़ा 2751 जबकि प्रदेश में 9317 पहुंच गया. प्रदेश में अभी एक्टिव पेशेंट 9317 हैं, जो कि अब तक सर्वाधिक है.
प्रदेश में कोरोना जाँच में और तेजी आए इसके लिए 8 करोड़ रूपए की लागत से अमेरिका से "कोबास 8800" मशीन इंदौर मंगाया जा रहा है, जो कि सितम्बर में मिलेगी. इस मशीन की खासियत यह है कि एक बार में इसके माध्यम से 3500 जांच किया जा सकेगा.
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