इंदौर में निगम का कोरोना बहाना तो लोगों ने लगवाएं वाटर रिचार्जिंग सिस्टम
- एमपी के इंदौर में कोरोना का बहाना बनाकर नगर निगम ने एक भी वाटर रिचार्जिंग सिस्टम नहीं लगवाएं,वहीं जिस एनजीओ से नगर निगम ने करार किया था शहरवासियों ने उसी एनजीओ नागराथ ट्रस्ट के इंजीनियर के सहयोग से 600 वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगवा लिए.

इंदौर- शहरवासियोंं ने घरों में नगर निगम के कोरोना के रोने के बाद खुदी वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगवा लिया.और यह एक या दो लोगों ने नहीं किया.600 से ज्यादा घरों में अब तक यह सिस्टम लगाया जा चुकी है. हालांकि यह सिस्टम लगवाने के लिए शहरवासियों ने नगर निगम के कई चक्कर काटे लेकिन अफसर कोरोना का रोना रोते रहे है.इधर नगर निगम ने जिस एनजीओ से यह सिस्टम लगवाने का करार किया था.शहरवासियों ने उसी एनजीओ नागराथ ट्रस्ट के इंजीनियरों से मिलकर अपने घरों में यह सिस्टम लगावा लिया. एनजीओ के सुरेश एमजी ने बताया निगम द्वारा सर्कुलेट किए गए नंबरों और किट लगवाने वाले लोगों के रेफरेंस के आधार पर लोग हमसे सीधे संपर्क कर वाटर रिचार्जिंग किट लगवा रहे हैं.अब तक 600 से ज्यादा स्थानों पर वाटर रिचार्जिंग किट लगवाए जा चुके हैं.
इस किट किया माध्यम से छत का पानी पाइप से ट्यूबवेल में पहुंचाया जा सकेगा..यह तरीका बड़ी छत की इमारतों में कारगर है. रिचार्जिंग करवाएंगे तो पानी ट्यूबवेल की शॉफ्ट में पहुंचेगा।. इसके बीच में फिल्टर रहेगा, जो पानी साफ कर देगा. इसकी कीमत ढाई हजार के लगभग है.पाइप सहित खर्च 6 हजार रुपए आता है.
4 फीट लंबे, गहरे और चौड़े गड्ढे में बोल्डर, गिट्टी, मुरम, रेत डालना पड़ती है. खर्च पांच से सात हजार रुपए. इसमें नीचे काली मिट्टी रह गई तो पानी जमीन में नहीं जाएगा यह पिट वहीं कारगर है, जहां 4 फीट से ज्यादा काली मिट्टी नहीं है.ऐसे कई तरीकों से पानी को व्यर्थ जाने से बचाया जा सकता है.
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