इंदौर: 168 दिन बाद अनलॉक संडे पर लोगों ने बाजार में जमकर की खरीदारी
- होटल पर निकल रही थी गरमा-गरम रोटियां, लोगों ने जमकर लिया पानीपूरी का लुत्फ होटल रेस्तरां व दुकानों पर लगी खरीदारों की भीड़

इंदौर। 22 मार्च के बाद पहली बार इंदौर की सड़कों पर रौनक दिखी. रविवार को बाजार लोगों की खासी चहल-पहल रही. 22 मार्च के बाद पहली बार रविवार को बाजार ने पुराने दिनों की याद ताजा कर दी. बाजार में हर तरफ शोर गुल सुनाई दे रहा था. कहीं छोले भटूरे तो कहीं पानी पूरी बेचते हुए लोग नजर आए. होटल में लजीज भोजन का स्वाद लेते हुए भी लोग नजर आए. इस दौरान लोगों ने खूब जमकर दुकानों में खरीदारी की.बच्चों के खिलौने खरीदे और पार्कों का लुत्फ उठाया. महिलाओं ने कपड़े की खरीदारी की.
होटल में निकलती गरमा-गरम रोटी, चौराहे पर कपड़े और जूते वालों की लगी छोटी दुकानें और वहां से आ रही, रेट के साथ कपड़े ले लो की आवाज लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित कर रही थी.रविवार को बाजार खुलने का नजारा साफ नजर आ रहा था. अब लोगों के भीतर से लॉकडाउन होने का डर काफूर हो चुका था. सुबह से ही लोग परिवार के साथ बाजार में तफरी करने निकले.
क्या राजबाड़ा, क्या 56 दुकान हर जगह लोग नजर आए.
हालांकि उम्मीद के अनुरूप तो लोग नजर नहीं आए, लेकिन संख्या इतनी कम भी नहीं थी. रविवार का दिन होने से लोगों ने परिवार के साथ चटपटा खाने के साथ ही खरीदारी भी की. राजबाड़ा पर खरीदारी करने पहुंचे लोग, परिवार के साथ राजबाड़ा कपड़ा खरीदने पहुंचे राजेश ने बताया कि सप्ताह में छह दिन ऑफिस के काम में लगा रहता हूं. रविवार को लॉकडाउन के कारण घर पर था.
ऐसे में जरूरी सामान लेने के लिए समय ही नहीं मिल पा रहा था. आज बाजार खुला है तो सामान खरीदने निकल आए. शाम को भीड़ बढ़ जाएगी इसलिए दोपहर में ही खरीददारी करना उचित समझा. होटल में खाना खाने पहुंचे नीतेश का कहना है कि रविवार को अनलॉक से बहुत राहत मिली है.
हालांकि संक्रमण के कारण लॉकडाउन का निर्णय सही था, लेकिन कोरोना के बीच ही जब हमें जीना है तो फिर कब तक इससे डरेंगे. इसका एक ही इलाज है सुरक्षा.शासन-प्रशासन ने जो गाइड लाइन जारी की है, उसका यदि सही तरीके से पालन कर लें तो हम इस बीमारी से बच सकते हैं. जरूरी हो तो ही घरों से बाहर निकलें. भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें.
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