इंदौर : 150 करोड़ में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा बायो मीथेनेशन प्लांट

Smart News Team, Last updated: Fri, 28th Aug 2020, 1:41 PM IST
  • इंदौर. गीले कचरे से हर दिन 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी बनाकर 110 सिटी बसों में किया जाएगा उपयोग. दिल्ली की कंपनी 150 करोड़ रुपये में करेगी तैयार. इंदौर नगर निगम का यह तीसरा संयत्र होगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर 

इंदौर|  नगर निगम ट्रेंचिंग ग्राउंड पर एशिया का सबसे बड़ा बायो मीथेनेशन प्लांट बनाने की तैयारी कर रहा है. यह नगर निगम का तीसरा संयंत्र होगा, जहां गीले कचरे से हर दिन 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी बनाई जाएगी. इसका उपयोग 110 सिटी बसों में किया जाएगा. इसे दिल्ली की एक कंपनी 150 करोड़ रुपये में तैयार करेगी.

घरों, होटलों और अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाले गीले कचरे से बायोगैस बनाने का प्रयोग इंदौर नगर निगम पिछले दो साल से कर रहा है. इससे बनने वाली गैस से शहर में सिटी बसें व ऑटो रिक्शा चल रहे हैं. अभी तक शहर में ऐसे दो संयंत्र संचालित हो रहे हैं. अब तीसरे बायो गैस संयंत्र बनाने की तैयारी निगम कर रहा है. यह संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा बायो मीथेनेशन प्लांट होगा. यहां तैयार होने वाली गैस का उपयोग शहर में चलने वाली सिटी बसों में होगा. इसके अलावा इस संयंत्र से निगम को सालाना 2.5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा प्रतिवर्ष प्रीमियम के रूप में कमाई भी होगी.

20 टन क्षमता बायो मीथेनेशन प्लांट वर्ष 2018 में पीपीपी मोड में 11 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था. इससे हर दिन 20 टन कचरे से 800 किलो गैस तैयार की जा रही है. 15 टन क्षमता का दूसरा बायो मीथेनेशन प्लांट वर्ष 2019 में 8 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था. यहां 600 किलो बायोगैस बनाई जा रही है. इससे निगम को हर माह सात लाख रुपये की कमाई हो रही है.

 

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