इंदौर: बांग्लादेशी लड़कियों को गुलाम बनाकर रखते, बात न मानने पर बेल्ट से पीटते

Smart News Team, Last updated: Wed, 30th Sep 2020, 1:21 PM IST
  • गिरोह द्वारा बिना वीजा व पासपोर्ट के बांग्लादेश से युवतियों को लाकर बंधक बनाकर रखा जाता था. इसके बाद उनसे देह व्यापार करवाया जाता था युवतियों द्वारा बात नहीं मानने पर उन्हें बेल्ट से पीटा जाता था.
प्रतीकात्मक तस्वीर

इंदौर। गिरोह द्वारा बांग्लादेश से लाई गई देह व्यापार के लिए युवतियों को पुलिस ने सोमवार को छापेमारी कर छुड़ाया. इस दौरान पुलिस को छानबीन के दौरान कई जानकारियां मिली हैं. युवतियों ने छानबीन के दौरान पुलिस को कई राज बताए हैं. जिसके बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. फिलहाल गिरोह का सरगना पुलिस की पहुंच से दूर है.

बता दें कि देह व्यापार के लिए बांग्लादेश से खरीदकर लाई गई जिन लड़कियों को पुलिस ने छापेमारी कर आजाद कराया है. सोमवार को विजय नगर थाना पुलिस ने उन युवतियों के बयान लिए है. लड़कियों ने बताया कि आरोपित उन्हें बिना वीजा और पासपोर्ट के यहां लाए थे.

इसके बाद उन्हें एक कमरे में बंधक बनाकर गुलामों की तरह रखा जाता था. गिरोह द्वारा कही गई हर बात को मानना युवतियों की मजबूरी थी. बात नहीं मानने पर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था.इस दौरान उन्हें कई बार बेरहमी से बेल्ट से पीटा भी जाता था. साथ ही जलते हुए सिगरेट से शरीर को दागा भी जाता था. कई बार भूखा-प्यासा तक रखकर बेल्ट से भी पीटते थे. इन लड़कियों को उनके घर पहुंचाने के लिए एटीएस, आइबी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है.

आधार कार्ड बनाने वाले दो युवकों से पुलिस ने की पूछताछ

एमआइजी थाना पुलिस ने रविवार को आधार कार्ड बनाने वाले दो आरोपितों को भी गिरफ्तार कर बयान लिए हैं. सोमवार देर रात तक उनसे पूछताछ होती रही. टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि गांधीनगर निवासी आरोपित 32 वर्षीय दीपक पुत्र राधेश्याम और वेंकटेश विहार छोटा बांगड़दा निवासी 53 वर्षीय गोवर्धन पुत्र भगवानलाल पुरोहित के बयान लिए हैं.

दोनों ने कुबूला कि वे बांग्लादेश की लड़कियों के नकली आधार कार्ड बनाते थे, जिससे उन्हें होटलों व अन्य स्थानों पर ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो. दोनों पिछले डेढ़ साल से यह काम कर रहे हैं. आरोपितों के पास से करीब 400 नकली आधार कार्ड बनाने का डेटा मिला है. वहीं 40 से 50 खाते की जानकारी भी मिली है.

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पुलिस युवतियों को पहुंचाएगी उनके घर

जल्द ही पुलिस इंदौर के सेक्स रैकेट सरगनाओं के कब्जे से छुड़वाई गई इन युवतियों को उनके घर पहुंचाएगी. आरोपितों से यह भी जानकारी मिली है कि शहर में सिर्फ बांग्लादेश की नहीं बल्कि रूस व यूक्रेन की एस्कार्ट सर्विस भी संचालित हो रही थी. दिल्ली के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से डीआइजी ने संपर्क कर ऐसी सर्विस के लिए आई युवतियों की जानकारी ली है और वे इंदौर में कहां ठहरी थीं, उनके ठिकानों का भी पता किया जा रहा है.

गिरोह के फरार आरोपितों को पकड़ने में लगी पुलिस

डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि इंटरनेशनल स्तर पर संचालित हो रहे एस्कार्ट सर्विस से जुड़े कई एजेंट फरार हैं. पुलिस कई एजेंटों की तलाश कर रही है. साथ ही ऐसे एजेंटों की भी तलाश की जा रही है जो यूक्रेन और रूस युवतियों के पासपोर्ट या नौकरी के लिए आवेदन करते हैं. पुलिस ने बताया कि जल्द ही मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ में होगा.

इस रास्ते लाई जाती थी अन्य देशों से युवतियां

पुलिस ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं जिनमें अन्य देशों से युवतियों के लाए जाने के रूट की जानकारी मिली है. उनके बारे में यह जानकारी मिली है कि वे रूस व यूक्रेन से भी एस्कार्ट सर्विस के लिए युवतियों को फ्लाइट से भारत बुलाते थे. वे दिल्ली-मुंबई से होकर इंदौर पहुंचती थी. इन्हें शहर के कई बड़े होटलों या फार्म हाउस में ठहराया जाता है. डीआईजी ने बताया कि इस गिरोह से जुड़े मुख्य फरार सरगना सागर जैन, रोहन, कपिल, प्रमोद उर्फ बाबा के गिरफ्तार होने के बाद नई जानकारियां सामने आएंगी.

 

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