इंदौर: डीएवीवी शोधपीठ के लिए ईसी सदस्य दान करेंगे दो हजार किताबें

Smart News Team, Last updated: Thu, 19th Nov 2020, 8:15 PM IST
  • देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के छात्रों के लिए एक खुशखबरी आई है. दरअसल, मालवा और निमाड़ की भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए यहां पर शोधपीठ बनाने का प्रस्ताव आया है
डीएवीवी में मालवा और निमाड़ की भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए शोधपीठ बनाने का प्रस्ताव आया है

इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के छात्रों के लिए एक खुशखबरी आई है. दरअसल, मालवा और निमाड़ की भाषा का प्रचार-प्रसार करने के लिए यहां पर शोधपीठ बनाने का प्रस्ताव आया है. अगले हफ्ते कार्यपरिषद की बैठक में इसको लेकर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, अभी प्रस्ताव को लेकर कोई फैसला आया भी नहीं है लेकिन उससे पहले ही कार्यपरिषद के एक सदस्य ने शोधपीठ के लिए विश्वविद्यालय को किताबें दान करने की घोषणा कर दी हैं ताकि भाषाओं के संबंध में शोध करने में आसानी हो.

बता दें, लगभग डेढ़ साल बाद नवंबर के तीसरे सप्ताह में विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद की बैठक रखी है, जिसमें लगभग 20 से ज्यादा मुद्दों पर सदस्य बहस करेंगे. सदस्य विश्वास व्यास ने पिछले महीने विश्वविद्यालय प्रशासन को मालवी-निमाड़ी भाषा की शोधपीठ शुरू करने का सुझाव दिया. इसको लेकर विश्वास व्यास ने कहा कि लोकभाषाओं के लिए कोई सुविधा नहीं है. इन दिनों भाषा के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बहुत कम है. यहां तक अल्पज्ञान की वजह से भाषा अशुद्ध हो चुकी है.

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सदस्य व्यास ने यह भी कहा कि किसी भी शोधपीठ के लिए लाइब्रेरी बहुत अहम होती है. इसलिए मैं अपनी किताबों के संग्रहण में से कुछ किताबें दान करूंगा. यहां तक जो मालवी-निमाड़ी भाषा के जानकार, साहित्कार मेरे संपर्क में हैं. उनसे भी किताबें उपलब्ध करवाने के लिए कहा है, इसके लिए वे राजी भी हो चुके हैं.

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