Phulera Dooj 2022: 4 मार्च को है फुलेरा दूज, राधे-कृष्ण की कृपा से जीवन में आएगा प्रेम

Pallawi Kumari, Last updated: Thu, 3rd Mar 2022, 5:15 PM IST
  • Phulera Dooj 2022: फुलेरा दूज 4 मार्च, शुक्रवार को है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ये यह पर्व फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी रूठी राधारानी को मनाया था. फिर राधा और गोपियों के साथ फूलों वाली होली खेली थी.
श्री कृष्णा-राधा (फोटो साभार-लाइव हिन्दुस्तान)

Phulera Dooj 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है. इस बार कल शुक्रवार 4 मार्च को यह पर्व मनाया जाएगा. फुलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त भी होता है और इस दिन सबसे अधिक शादियां होती है. फुलेरा दूज का दिन प्रेम प्रसंग के लिए भी उत्तम माना जाता है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपने रूठी राधा रानी को मनाया था और फिर उनके संग फूलों वाली होली खेली थी. इस दिन द्वितीया तिथि थी. इसलिए इस दिन को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाता है. 

फुलेरा दूज का दिन भगवान श्रीकृष्ण व राधा की पूजा के लिए समर्पित होती है. वैसे तो कई मौको पर भगवान श्री कृष्ण के साथ राधारानी की पूजा की जाती है. लेकिन शास्त्रों के अनुसार, पूरे साल में फुलेरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने का सबसे अधिक फल मिलता है.

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फुलेरा दूज पूजा विधि

- इस दिन स्नान कर साफ कपड़े पहलें

- राधा-कृष्ण का श्रृंगार करें और उन्हें सुंगधित फूलों से सजाएं

- राधारानी और भगवान श्री कृष्ण पर अबीर गुलाल भी चढा़एं.

-सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें.

- इस दिन पूजा में मधुराष्टक और राधा कृपा पाठ कटाक्ष का पाठ करें.

- पूजा के बाद राधा-कृष्ण की आरती करें और श्रृंगार की वस्तुएं दान करें फिर प्रसाद ग्रहण करें.

कहा जाता है कि फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण की उपासना से जीवन में प्रेम का आगमन होता है. इसे फूलों का त्योहार भी कहा जाता है. क्योंकि फाल्गुन माह में वंसत और रंग-बिरंगे फूलों का आगमन होता है. इसलिए फुलेरा दूज पर फूलों से राधा-कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है.

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