'नए कृषि कानूनों में MSP पर होगी खरीद, नहीं तो मैं राजनीति से लूंगा संन्यास'
- जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए कृषि बिलों को लेकर भाजपा का बिल के पक्ष में माहौल बनाओ अभियान जारी है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने आज भाजपा मुख्यालय पर इन बिलों को लेकर सरकार का पक्ष रखा और साफ किया कि ये बिल किसानों को उनकी फसल का मनचाहा दाम दिलाएंगे.
जयपुर| केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए कृषि बिलों को लेकर भाजपा का बिल के पक्ष में माहौल बनाओ अभियान जारी है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने आज भाजपा मुख्यालय पर इन बिलों को लेकर सरकार का पक्ष रखा और साफ किया कि ये बिल किसानों को उनकी फसल का मनचाहा दाम दिलाएंगे.
चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नए कृषि कानूनों में एमएसपी पर खरीद होती रहेगी. अगर नहीं होगी तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. एमएसपी प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत होती है. नए कृषि कानूनों को सीएम गहलोत को पढ़ लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा है.
विपक्ष से मैं कहना चाहूंगा कि जिन विधेयकों का आप विरोध कर रहे हो, उनका उल्लेख आपके 2019 और इससे पहले के घोषणा के पत्र में था. विपक्ष के विरोध से यह साफ हो गया कि उन्होंने जो घोषणा पत्र में जो वादे किए वो झूठे थे. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस थूककर चाटने का काम कर रही है. मगर मैं यही कहना चाहूंगा कि आने वाले दिनों में किसान के लिए ये क्रांतिकर कदम होगा. इन विधेयकों से गांव मजबूत होगा और देश मजबूत होगा.
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बिचौलियों से मिलेगी आजादी
चौधरी ने कहा कि इन बिलों से किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी मिलेगी.अगर उससे मंडी से ज्यादा बाहर दाम मिल रहे हैं तो वह बाहर अपनी फसल को बेच सकेगा. बिचौलियों से आजादी मिलेगी और किसान अपनी मनचाही कीमत पर फसल को बेच सकेगा.
तीन दिन में करना होगा भुगतान
संविदा खेती को लेकर चौधरी ने कहा कि फिलहाल जो कानून है उसमें संविदा खेती में व्यापारी के उपज खरीदने से मना करने पर किसान के बचाव को लेकर कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन अब किसान की फसल व्यापारी को खरीदनी होगी और उपज से पहले तय किए दाम पर ही.
अगर कोई विवाद होता है तो एसडीएम को 30 दिन के भीतर इसका निपटारा करना होगा. यही नहीं उपज लेने के तीन दिन के भीतर ही किसान को भुगतान का भी प्रावधान किया गया है. कुल मिलकर इन विधेयकों में किसान को पूर्ण रूप से सिक्योर किया गया है. चौधरी ने कहा कि भ्रांति फैलाई जा रही है कि उद्योगपति किसान की जमीन हड़प लेंगे, जबकि एग्रीमेंट में जो प्रावधान किए गए हैं, उसमें कहीं भी जमीन का उल्लेख नहीं है.
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