दो लाख बेरोजगारों को झटका, टेक्निकल हेल्पर की भर्ती की बजाय मिली यहां नौकरी
- राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम की ओर से निकाली गई टेक्निकल हेल्पर की भर्ती में दो लाख बेरोजगार युवाओं का सपना एक बार फिर से टूटता नजर आ रहा है क्योंकि राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम ने प्राइवेट कंपनियों को ठेके पर देना शुरू कर दिया है.
जयपुर. राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम ने हाल ही में दो लाख से ज्यादा युवाओं को सुनहरा मौका देते हुए भर्ती निकाली थी. यह भर्तियां दो लाख से ज्यादा बेरोजगार आईटीआई होल्डर युवाओं के लिए निकाली गई थी, हालांकि, सरकारी बिजली कंपनियों में टेक्निकल हेल्पर की नौकरी का सपना टूट रहा है. सरकारी बिजली कंपनियों ने ग्रिड सब-स्टेशन (जीएसएस) का संचालन ही प्राइवेट कंपनियों को ठेके पर देना शुरू कर दिया है, जिसके बाद बेरोजगार युवा एक बार फिर से निराश हो गए हैं.
बता दें, प्रसारण निगम ने 132 केवी के 30 जीएसएस को मेंटेनेंस और ऑपरेशन के लिए सनसिटी एंटरप्राइजेज को तीन साल के लिए 20 करोड़ के ठेके पर दिया है. ऐसे में बिजली कंपनियों में टेक्निकल हेल्पर भर्ती का रास्ता बंद हो गया है. इस मामले में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि जीएसएस को ठेके पर देने के मामले की मेरे तक फाइल नहीं आई है. इसके बारे में अधिकारियों से पूछा जाएगा. टेक्निकल हेल्परों की भर्ती के मामले में भी अफसरों से बात की जा रही है.
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बता दें कि जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम भी 2 हजार से ज्यादा ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) को चलाने के लिए कॉन्ट्रेक्टरों को ठेके पर दे रहा है. जयपुर व जोधपुर डिस्कॉम ने 1650 जीएसएस को ठेके की प्रक्रिया चल रही है. इस पर सालाना 80 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. बता दें, आरईआईसी ने 6 फरवरी 2020 को जारी टैरिफ ऑर्डर में यह आदेश दिया था कि ठेके पर दिए ग्रिड सबस्टेशन (जीएसएस) की जांच करने और वहां पर लगे ठेकाकर्मियों की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा था.
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