जयपुर: 3 माह की हिना के खून का रंग मिला सफेद, कोलेस्ट्राल की मात्रा भी अधिक
- जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक तीन महीने की बच्ची 'हिना' की जांच में पता चला कि उसका खून का रंग सफेद है. हिना के इस मामले को लेकर खुद हॉस्पिटल के डॉक्टर भी हैरान रह गए. डॉक्टरों के मुताबिक मेडिकल भाषा में इस रोग को डिसलिपेडेमिया विथ हीमोलाइटिक एनीमिया के नाम से जाना जाता है.
जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक अजीबों-गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, जयपुर के अस्पताल में तीन महीने की 'हिना' की जांच में पता चला कि उसका खून का रंग सफेद है. हिना के इस मामले को लेकर खुद हॉस्पिटल के डॉक्टर भी हैरान रह गए. मामले को लेकर डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल में संभवतया कम उम्र की बच्ची में लाल रंग का खून पाए जाने का यह पहला मामला वहां सामने आया है.
डॉक्टरों के मुताबिक मेडिकल भाषा में इस रोग को डिसलिपेडेमिया विथ हीमोलाइटिक एनीमिया के नाम से जाना जाता है. ये एक प्रकार का दुर्लभ रोग होता है, जो कि कम उम्र के लाखों बच्चों में से किसी एक में ही पाया जाता है. वहीं, ऐसे दुर्लभ मामले को देखते हुए इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भी भेजा जाएगा. सफेद रंग के खून से इतर 3 माह की हिना कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा भी अधिक पाई गई है.
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इस मामले के बारे में बात करते हुए जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुधीर भंडारी ने कहा, "बच्ची का खून का रंग लाल की बजाय सफेद होना बहुत ही दुर्लभ है. इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भेजा जाएगा." वहीं, जेके लोन जयपुर के डॉक्टर अशोक गुप्ता ने इस बारे में बताया कि कम उम्र की बच्ची में खून का रंग सफेद होना दुर्लभ है. ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्राल की ज्यादा मात्रा मिलने से बच्ची को जान का भी खतरा है. यूनिट में बच्ची का इलाज किया जा रहा है.
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