राजस्थान: पटाखों पर लगा बैन हटा, सरकार ने जारी किया नया गाइडलाइन

Naveen Kumar Mishra, Last updated: Sat, 16th Oct 2021, 9:23 AM IST
राजस्थान सरकार ने एनसीआर (NCR) क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दे दी है. जारी नई गाइडलाइन के अनुसार दीपावली के अवसर पर रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है. वहीं क्रिसमस में और नए साल के मौके पर रात 11.55 से रात के 12.30 तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है.
फाइल फोटो

जयपुर: राजस्थान सरकार ने एनसीआर (NCR) क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दे दी है. इससे पहले 31 जनवरी 2022 तक राजस्थान सरकार की गृह विभाग ने पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई हुई थी. सरकार की ओर से पाबंदी हटने के बाद अब पटाखे मार्केट में बिकते हुए नजर आएंगे. इस संबंध में सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है.

सरकार की नई गाइडलाइन

राजस्थान सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार दीपावली के अवसर पर रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है. वहीं क्रिसमस में और नए साल के मौके पर रात 11.55 से रात के 12.30 तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है. जबकि गुरु पर्व पर रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है. छठ पर्व के मौके पर सुबह 6 बजे से सुबह के 8 बजे तक ग्रीन पटाखे इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. साथ ही आने वाले दूसरे पर त्योहारों के मौके पर सरकार पटाखे इस्तेमाल करने के संबंध में अलग से गाइडलाइन जारी करेगी. सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के अनुसार जिन शहरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स पुअर या उससे नीचे रहेगी, वहां पटाखे इस्तेमाल करने पर पाबंदी बनी रहेगी.

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ग्रीन पटाखे 70 फीसदी काम प्रदूषण करते हैं

राजस्थान के फायर वर्क डीलर्स और मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन ने पटाखों पर लगी पाबंदी को हटाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है. जयपुर पटाखा व्यापार समिति के अध्यक्ष जहीर अहमद ने कहा कि पटाखे पर लगी पाबंदी के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए थे. उन्होंने कहा कि पटाखे पर लगी पाबंदी के हटने के बाद अब कई लोगों को रोजगार मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग थी कि ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी जाए क्योंकि ग्रीन पटाखे नीरी के गाइडलाइन के अनुसार बनाए जाते हैं. ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से आम पटाखों की तुलना में 70 फीसदी तक कम प्रदूषण होता है.

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