135 साल का हुआ जयपुर का अल्बर्ट हॉल, मिलेगी फ्री एंट्री

Smart News Team, Last updated: Sun, 21st Feb 2021, 5:01 PM IST
  • जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूजियम को बने आज 135 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर म्यूजियम में खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. आज जहां म्यूजिम में पर्यटकों को फ्री एंट्री मिल रही है, वहीं, साथ ही संध्या कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है.
फाइल फोटो

जयपुर. राजस्थान का सबसे पुराना और खूबसूरत अल्बर्ट हॉल म्यूजियम को बने हुए आज 135 साल पूरे हो गए हैं. 135 साल पूरे होने पर अल्बर्ट हॉल में आज जश्न मनाया जा रहा है. जहां शनिवार को म्यूजियम में पर्यटकों का प्रवेश निशुल्क है, वहीं, सभी का स्वागत-सत्कार भी बेहद ही शानदार तरीके से किया जा रहा है. इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए अल्बर्ट हॉल में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होगा. इसी के साथ सरकार ने अल्बर्ट हॉल को उसके 135 साल पूरे होने पर एक बड़ा तोहफा दिया है. जिसके तहत बरसाती पानी से चीजों को बचाने और बर्बाद हुई 5 हजार चीजों को ठीक करने के लिए 46 लाख रुपए का बजट मंजूर किया गया है.

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम को लेकर टूरिज्म एक्सपर्ट और शाही रेल के सीजीएम रहे प्रदीप बोहरा ने कहा कि राजपूत-मुगल-एंग्लो स्थापत्य शैली में बनी यह बिल्डिंग उत्तर भारत में ताजमहल के बाद दूसरी खूबसूरत ऐतिहासिक इमारत कही जाती है. जयपुर की शान इस इमारत की लोकेशन, भव्यता बरामदे-हॉल में लगे भित्ति चित्र, अकबर कालीन राजमाना, धार्मिक चित्रों की प्रतिकृतियां सहित यूरोप, मिश्र, चीन, ग्रीक, बेबिलोनिया सभ्यता की प्रमुख घटनाएं पर्यटकों के दिलों पर छा जाती है.

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बता दें, इस म्यूजियम की 3 खास चीजे हैं, जिनमें सबसे पहले नंबर पर टैलोमाइक युग की 'ममी' है. यह 322 से 30ईस्वी पूर्व मिस्र के प्राचीन नगर राज्य पैनोपोलिस के टैलोमाइक युग की ममी है. देश की अन्य 6 ममी में यह सबसे ज्यादा सुरक्षित है. इसके अलावा दुर्लभ 1632 ईस्वी के चारबाग शैली का ईरानी कारपेट (2.48 बाई 12.4) भी म्यूजियम में मौजूद है. इस कारपेट को नहरों, तालाब और पक्षियों की बारीकी से चित्रकारी बनाई गई है. वहीं, तीसरू नंबर पर यक्ष है, यानी आदमकद प्रतिमा, जो कभी बनारस के घाट से मिली थी. यह मूर्तियों में बेहद ही दुर्लभ है.

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