अलवर मूक बधिर नाबालिग केसः पुलिस ने बताया मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई रेप की पुष्टि

जयपुर (भाषा). राजस्थान के अलवर में तिजारा पुल के पास विगत दिनों पहले एख मूक बधिर मानसिक विक्षिप्त नाबालिग किशोरी घायल आवस्था में मिली थी. जिसकी रेप की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन अब पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए रेप की बात से इंकार कर दिया. पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट का हावला देते हुए बताया कि रिपोर्ट में किसी भी तरह के रेप या यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है.
हालांकि पुलिस अभी तक यह स्पष्ट नहीं क र रही है कि बच्ची को इतनी चोटें कैसे आयी. पुलिस का कहना है कि बच्ची खुद अपने गांव से पहले शहर तक गयी और फिर तिजारा पुल पहुंची, जहां वह घायल अवस्था में मंगलवार को मिली.
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अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने शुक्रवार को संवादाताओं से बातचीत में कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों की टीम ने आज पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बच्ची के साथ बलात्कार की आशंका से इंकार किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चला है कि 14 वर्षीय बच्ची को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं.
गौतम ने कहा कि अभी तक हमारे पास मौजूद तथ्यों, मेडिकल रिपोर्ट और टेकनिकल साक्ष्यों के आधार पर बच्ची के साथ बलात्कार की पुष्टि नहीं होती है.
गौरतलब है कि बच्ची मंगलवार को अपने घर से घंटों लापता रहने के बाद घायल अवस्था में अलवर के तिजारा पुल के पास मिली. उसे तत्काल अलवर के एक अस्पताल में ले जाया गया जिसने उसे जयपुर के ज. के. लोन अस्पताल रेफर कर दिया, जहां बुधवार को डॉक्टरों ने उसकी लंबी और जटिल सर्जरी की.
घटना सामने आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर की पुलिस अधीक्षक को तत्काल विशेष जांच दल गठित करने को कहा था.
पुलिस ने शुरुआती जांच में आशंका जतायी थी कि यह बलात्कार का मामला हो सकता है लेकिन साथ मेडिकल रिपोर्ट आने पर इसके स्पष्ट होने की बात कही थी.
बच्ची के अपने गांव से तिजारा पुल तक पहुंचने के संबंध में पुलिस अधिकारी का कहना है कि वह ऑटो रिक्शा से गांव से 25 किलोमीटर दूर शहर और फिर तिजारा फाटक पुल पर पहुंची.
उन्होंने कहा कि ऑटो में उसके यौन उत्पीड़न का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों से एकत्र सीसीटीवी फुटेज में भी वह अकेली ही नजर आ रही है, उनमें कोई उसका पीछा करता हुआ भी नहीं दिख रहा है.
उन्होंने कहा कि फुटेज लड़की पैदल चलती दिख रही है, उसके शरीर पर कोई चोट नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है कि आखिर तक स्वस्थ चलती हुई दिख रही बच्ची को इतनी गंभीर चोटें कैसे लगीं.
गौतम ने बताया, ‘‘नाबालिग ने जिस ऑटो रिक्शा में 8-10 अन्य यात्रियों के साथ यात्रा की थी उसकी पता लग गया है. फॉरेंसिक विशेषज्ञों को उस ऑटो में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है. ऑटो चालक से पूछताछ की गई है, यात्रियों से भी पूछताछ की जायेगी.’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत लगातार मामले की निगरानी कर रहे हैं और मामले की विस्तृत तथा गहन जांच का निर्देश दिया है.Ra
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