बैकफुट पर अशोक गहलोत सरकार, नए विवाह पंजीकरण बिल को वापस लेकर समीक्षा करेगी

Nawab Ali, Last updated: Tue, 12th Oct 2021, 9:13 AM IST
  • राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के नए अनिवार्य विवाह पंजीकरण को लेकर विवाद के बीच बिल को वापस लेकर दोबारा जांच की बात कही है. भाजपा समेत कई एनजीओ इस बिल को लेकर सरकार पर आरोप लगा रही थी कि इससे बाल विवाह को बढ़ावा मिलेगा. 
अशोक गहलोत सरकार नए विवाह पंजीकरण बिल को वापस लेकर दोबारा समीक्षा करेगी.

जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विवादित राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 को वापस लेकर फिर से जांच की बात कही है. राजस्थान के नए अनिवार्य विवाह बिल को लेकर विपक्ष भाजपा, सोशल एक्टिविस्ट और एनजीओ विरोध कर रहे थे. विपक्ष का आरोप था की इस बिल के जरिये सरकार बाल विवाह को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. पुछले हफ्ते ही राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बिल पर रोक लगा दी थी. राज्यपाल ने इस बिल को फिर से जांच करने के लिए रोक दिया था.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिल को लेकर हो रहे विवाद पर कहा है कि विवाह के अनिवार्य पंजीकरण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की भावना में विधेयक लाया गया है. लेकिन बाल विवाह को लेकर जो भ्रांति पैदा हुई है, तब हम राज्यपाल से अनुरोध करेंगे कि वह विधेयक सरकार को लौटा दें. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालिका अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा है कि विधानसभा में पारित विवाह पंजीकरण विधेयक को लेकर विवाद खड़ा किया जा अरह है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसी की भी शादी हो रजिस्टर्ड होनी चहिये. जिसकों देखते हुए यह कानून पारित किया गया था. हम कानून विभाग से इस बिल की फिर से जांच करवाएंगे.

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सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि यह हमारे लिए प्रतिष्ठा की बात नहीं है. आपको बता दे की राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हाल ही में विधानसभा में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम, 2009 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया, जो राज्य में सभी विवाहों के पंजीकरण के लिए एक तंत्र प्रदान करता है, चाहे दूल्हा और दुल्हन की उम्र कुछ भी हो. बिल को वापस लेने और फिर से जांच के लिए सरकार के फैसले पर एनजीओ संचालक कीर्ति भाटी का कहना है कि सरकार ने बिल को वापस लेने की बात कही है उम्मीद है की सरकार इस बिल को जल्द खत्म करेगी.

 

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