राजस्थान में दो हजार चिकित्सक भर्ती रद्द होने पर बीजेपी उतरी विरोध में
- वर्तमान में राजस्थान सरकार द्वारा बेरोजगारी को दूर किए जाने के उद्देश्य से दो हजार चिकित्सकों की भर्ती निकाली थी. मगर किसी कारण से उन्हें रद्द कर दिया. इस पर भारतीय जनता पार्टी ने सवालिया निशान लगाते हुए विरोध प्रदर्शित करना शुरू कर दिया.
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आम आदमी की समस्याओं को उठाते हुए सत्ताधारी दल पर हमला बोल दिया है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी कम किए जाने के उद्देश्य से जो दो हजार चिकित्सकों की भर्तियां निकाली गई थी उन्हें आखिर क्यों रद्द कर दिया गया. इस पर उन्होंने विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार के सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
अब चिकित्सकों की रद्द हुई भर्ती पर सियासत एक बार फिर से गर्म हो गई है. प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने भी इस संबंध में अपना विरोध दर्ज कराया है. विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि मई महीने में चिकित्सा मंत्री ने घोषणा करने के बाद कहा था कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 45 दिनों के अंदर दो हजार चिकित्सकों की भर्ती कर दी जाएगी. मगर चार महीने बाद परीक्षा में गड़बड़ी एवं खामियों की बात कहते हुए परीक्षा रद्द करने के निर्णय से नियुक्त हुए सभी डॉक्टरों को दोबारा परीक्षा का सामना करना पड़ेगा जो बहुत ही गलत है. उन्होंने कहा गड़बड़ी हुई है तो दोषियों को सजा दिलाई जाए न कि उन परीक्षार्थियों को जिन्होंने मेहनत के बलबूते पर अपनी परीक्षा पास की थी. सरकार नौकरियां देने की बजाय लोगों से नौकरियां छीन रही है.
कांग्रेस सरकार का घोषणा पत्र प्रदेश की जनता के लिए दर्द भरा घोषणापत्र साबित होता जा रहा है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री व विधायक मदन दिलावर ने राज्य सरकार पर निशाना साधा. कहा कि 2018 में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अन्य कई वादे किए थे लेकिन वह पूरी तरह से वादाखिलाफी करते हुए नजर आ रहे हैं.
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