जयपुर: ब्लैक फंगस की दवा के लिए सोशल मीडिया पर मांगी मदद, बदमाशों ने 95 हजार ठगे

Smart News Team, Last updated: Sun, 23rd May 2021, 11:22 AM IST
  • कोरोना और ब्लैक फंगस बीमारी में लोग सोशल मीडिया से मदद मांग रहे है. लेकिन, इसी मैसेज को अब जालसाज ठगी के काम में ले रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जयपुर में देखने को मिला .इसलिए जरुरी है कि सोशल मीडिया से मदद के नाम पर कोई रुपये मांगे तो उससे सावधान रहे.
ब्लैक फंगस के मरीज के परिजन साथ मदद के नाम पर ठगी .

जयपुर. क्रेडिट और डेबिट कार्ड से ठगी के मामले अक्सर सामने आते हैं. लेकिन, अब बीमारी में मरीज के परिजनों को दवाइयों का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी के मामले भी सामने आने लगे हैं. प्रदेश में ब्लैक फंगस की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के परिजनों से ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हो गया है. ब्लैक फंगस के नाम से मरीज के परिजनों से ऑनलाइन ठगी का मामला जयपुर के मानसरोवर थाना क्षेत्र में सामने आया है. यहां अजमेर निवासी सरीश बेरी ने अपनी मां को ब्लैक फंगस होने पर अमर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया. बीमारी के बचाव में काम आने वाला इंजेक्शन बाजार में नहीं मिला तो उसने सोशल मीडिया के जरिए इंजेक्शन की आवश्यकता बताई.

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सोशल मीडिया पर सरीश का नंबर देख जालसाज ने उससे संपर्क किया. सरीश को झांसा दिया कि वह एक संस्था के जरिए लोगों को दवा उपलब्ध करवाने का काम कर रहें हैं. जालसजों ने पीड़ित को व्हाट्सएप पर इंजेक्शन की तस्वीर भी भेजी. मां की जान बचाने में जुटे सरीश ने जालसाजों के कहने पर 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. लेकिन, बदमाशों ने झांसा देकर पूरे 95 हजार रुपये पहले मांगे. इस पर सरीश ने रुप ऑनलाइन जमा करवा दिए. इसके बाद भी इंजेक्शन नहीं मिला तो उस नंबर पर संपर्क किया. इस पर बदमाशों ने पहले तो फ़ोन नहीं उठाया और बाद में फ़ोन बंद आया. हालांकि पीड़ित को बाद में दूसरी जगह से इंजेक्शन मिल गया. लेकिन, महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे बचाया नही जा सका .

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बता दें कोरोना संकटकाल में अधिकांश लोग घरों में कैद होकर खुद और परिवार को सलामत रख रहे हैं. वहीं, साइबर ठग अपने ठिकानों पर बैठकर और अधिक सक्रिय हो गए हैं. ऐसे ठग रोज लोगों को कॉल और मैसेज कर रहे हैं. इसके कारण बहुत से लोग ठगी के शिकार हो रहे है. दरअसल, कोरोना में लोग सोशल मीडिया पर मदद की गुहार करते हैं. इसमें दिए गए मोबाईल नम्बर से ठग सक्रिय होकर उनकी मदद के नाम पर सम्पर्क करते है और उसके बाद ठगी का खेल शुरु हो जाता है.

 

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