राफेल डील पर फिर से घिरी केंद्र ,सीएम गहलोत ने जेपीसी से जांच की ऊठाई मांग
- लोकतंत्र में विपक्ष एवं जनता की मांग पर जांच के लिए जेपीसी बनाई जाती रही है इसलिए आज जब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग कर रही है तो राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी बनाने में क्या हर्ज है?

राफेल डील पर फिर से केंद्र सरकार घिरती नजर आ रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लड़ाकू विमान राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सीएम गहलोत ने रविवार को ट्वीटर के माध्यम से केंद्र सरकार से सवाल किया है कि आखिर राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाने में क्या हर्ज है. बता दें कि शुरूआत से ही कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी समेत अन्य कई नेता राफेल डील पर जांच की मांग करते आ रहे हैं. इस विषय पर हाल ही में प्रदेश के सीएम ने भी केंद्र सरकार के सामने अपना सवाल रख दिया है. इसी बीच कांग्रेस के नेता केंद्र पर राफेल डील में कमीशन देने का आरोप भी लगा रहे हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कांग्रस नेता राहुल गांधी के साथ-साथ पूरा विपक्ष लगातार राफेल डील पर केंद्र सरकार से सवाल करता रहा है. ऐसे में मीडिया को भी राफेल डील की सच्चाई सामने लाने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए. देश को यह जानने का अधिकार है कि एयरफोर्स को जब 126 राफेल विमानों की जरूरत थी तो सिर्फ 36 राफेल ही क्यों खरीदे गए हैं? एक राफेल की कीमत पूर्व में तय 526 करोड़ रुपए से बढ़कर 1600 करोड़ रुपये कैसे हो गई? राफेल डील को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र पर उंगलियां खड़ी कर रही है.
श्री राहुल गांधी एवं पूरा विपक्ष लगातार राफेल डील पर सवाल उठाता रहा है। मीडिया को भी इसकी सच्चाई सामने लाने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए। देश जानना चाहता है कि एयरफोर्स को जब 126 राफेल विमानों की जरूरत थी तो सिर्फ 36 राफेल ही क्यों खरीदे गए?
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 4, 2021
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लोकतंत्र में विपक्ष एवं जनता की मांग पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाई जाती रही है इसलिए आज जब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग कर रही है तो राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी बनाने में क्या हर्ज है? वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट किया कि 'राफेल रक्षा सौदे में बिचौलियों को करोड़ों का कमीशन, राष्ट्रीय हितों से खिलवाड़, सरकारी खजाने को नुकसान एवं रक्षा खरीद प्रक्रिया की धज्जियां उडाई गई है. फ्रांस ने घोटाले की न्यायिक जांच शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री राफेल सौदे की जेपीसी से जांच कराइये.'
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