जयपुर: क्लास 1 से 8 तक के छात्र वर्ष भर ले सकेंगे एडमिशन
- पहली से आठवीं कक्षा में पूरे सत्र मिल सकेगा दाखिला. शिक्षा के अधिकार अधिनियम से जुड़ी एडमिशन प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला. प्रवासी श्रमिकों के बच्चों की पढ़ाई बाधित होते देख लिया गया यह अहम फैसला. शहर लौट रहे श्रमिकों के बच्चों को एडमिशन देने के लिए लागू की गई नीति

जयपुर। राजस्थान में अब कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र वर्ष भर एडमिशन ले सकेंगे.
यानी अब ऐसा नहीं होगा कि छात्रों को जुलाई-अगस्त के बाद एडमिशन न मिल सकेगा. यह बाध्यता समाप्त कर दी गई है. अब किसी भी माह में छात्र प्रवेश ले सकेंगे.
कक्षा से एक से आठवीं तक के छात्र कभी भी किसी भी माह में एडमिशन ले सकेंगे जबकि नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों हो 31 अगस्त तक प्रवेश मिल सकेगा.
दरअसल 9वीं और 11वीं के छात्रों का पंजीकरण बोर्ड कक्षाओं के लिए किया जाता है इसलिए इन्हें साल भर एडमिशन दिए जाने की प्रक्रिया में छूट नहीं मिली है. 9वीं और 11वीं के छात्र 31 अगस्त तक विद्यालय में प्रवेश ले सकेंगे.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम से जुड़ी एडमिशन प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक स्कूल आरटीई के तहत से 12वीं तक की क्लास में विद्यार्थियों को 31 अगस्त एडमिशन दे सकेंगे.
पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी आरटीई के तहत पूरे साल के दौरान कभी भी एडमिशन ले सकेंगे. कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को वर्ष भर एडमिशन दिए जाने को ड्रॉपआउट प्रक्रिया से देखा जा रहा है.
दरअसल ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है. कोरोना के चलते देश भर में लगे लॉकडाउन का असर गरीब तबके के बच्चों पर पड़ा है.
बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट हो गए. इसी तरह हजारों की संख्या में काम कर रहे प्रवासी श्रमिक अपने-अपने घरों की ओर लौट गए थे.
प्रवासी श्रमिकों के बच्चों पर पड़ रहा था शिक्षा का असर
प्रवासी श्रमिकों के परिवार सहित घर लौट जाने की वजह से उनके बच्चे भी गांव लौट चुके हैं. इस तरह अधिकांश बच्चे स्कूल से दूर हो चुके हैं, जिन्हें दोबारा स्कूल में लाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है.
अधिकांश श्रमिक अपने बच्चों को भी स्कूल से निकलवा लिए थे लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही श्रमिक वापस शहरों की तरफ लौट रहे हैं.
ऐसे में बच्चों को फिर से शिक्षा से जोड़ने के लिए यह नीति लागू की गई है.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग पहली से आठवीं तक के बच्चों का आरटीई के तहत कभी भी एडमिशन करवाने का निर्णय लिया है.
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