सीएम गहलोत ने कहा- सरकार के खिलाफ आवाज उठाना और अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे देश विरोधी करार दे दिया जाता है. सरकार के खिलाफ आवाज उठाना और अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गहलोत ने कहा कि आज कोई भी मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे देश विरोधी करार दे दिया जाता है. सरकार के खिलाफ आवाज उठाना और अपने अधिकार मांगना देशद्रोह नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र में सच्ची श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है.
सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है, इसलिए यहां रिफॉर्म संभव नहीं है. ये बयान केवल सरकार को खुश करने के लिए है. लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रखकर विभिन्न कानून पास किए हैं. गहलोत ने कहा कि भारत में उदारीकरण और उसके बाद रिफॉर्म मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते ही हुए थे, जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है. लेकिन, तब न ही लोग सड़कों पर आए और न ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह सोचना चाहिए कि अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा. ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं. यह आने वाली पीढ़ियों के लिए खतरनाक हैं और वो इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी.

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