बोले गहलोत-2025 तक राजस्थान में 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन

Smart News Team, Last updated: Fri, 27th Nov 2020, 11:18 PM IST
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन में कहा कि प्रदेश के 1.25 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन का उपयोग वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है. वर्ष 2024-25 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य पूरा होगा.
फाइल फोटो

जयपुर. तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोर देकर कहा कि राजस्थान वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लेगा. प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाकर निवेशकों को विशेष सुविधाएं देने की रणनीतियों के चलते यह संभव हो पाएगा. उन्होंने निवेशकों से राजस्थान में निवेश करने का आह्वान किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं. यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. वर्तमान में 10 हजार मेगावाट क्षमता की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं. 27 हजार मेगावाट की क्षमता के संयत्र स्थापित किए जा रहे हैं. 2024-25 तक के अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को समय पूर्व हासिल कर इन्हें पुनर्निधारित कर बढ़ाया जाएगा. राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है.

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गहलोत ने कहा कि प्रदेश के जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों में 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि मरूस्थलीय एवं बंजर जमीन के रूप में उपलब्ध है. इसमें से अधिकतर भूमि राजस्व विभाग की है, जिसका उपयोग वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है. उन्होंने निवेशक सम्मेलन में उपस्थित अक्षय ऊर्जा उत्पादकों, विकासकर्ताओं और निवेशकों से आह्वान किया कि वे इस क्षेत्र में निवेश के लिए राजस्थान आएं और राज्य सरकार की विभिन्न निवेश प्रोत्साहन नीतियों का लाभ लेते हुए अक्षय ऊर्जा संयत्र स्थापित करें. 

सम्मेलन में केन्द्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने बताया कि हाल ही में राजस्थान के लिए सौर ऊर्जा परियोजना के लिए खोली गई निविदाओं में उत्पादन की लागत 2 रुपए प्रति यूनिट और 2 रुपए एक पैसा प्रति यूनिट आई, जो देश में सबसे कम है. सिंह ने इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत को बधाई दी. उन्होंने राजस्थान में वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के अनुकूल माहौल की सराहना की और कहा कि राज्य सरकार की बेहतर निवेश प्रोत्साहन नीतियों के चलते यह संभव हो पाया है.

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