राजस्थान में डेंगू का हाहाकार, जयपुर SMS अस्पताल में मौत का आंकड़ा 50 पार

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Tue, 9th Nov 2021, 5:12 PM IST
  • राजस्थान में डेंगू के मरीजों की संख्या 13 हजार के पार पहुंच गई है. वहीं अकेले राजधानी जयपुर के सवाई माधोपुर सिंह अस्पताल में इससे मरने वालों की संख्या 58 हो गई है. विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि सूबे में डेंगू के DANV-2 टाईप का कहर जारी है.
प्रतीकात्मक फोटो

जयपुर. राजस्थान में डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या दिनों दिन बहुत तेजी से बढ़ रही है. आलम ये है कि सूबे में इस बीमारी के चपेट में आने वालों की संख्या 13 हजार के पार पहुंच गई है और डेंगू के प्रकोप से जान माल के नुकसान में भी तेजी आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, अकेले राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में डेंगू बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 50 के पार पहुंच गया है. राज्य में तेजी से बढ़ रहे मामले बेकाबू होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में सूबे के लोग भी काफी डरे हुए हैं.

राज्य के गिने चुने सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों में से एक व राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह (SMS) में अकेले इस साल अब तक डेंगू बुखार से मरने वालों की संख्या 58 हो गई है. डॉक्टरों के मुताबिक राजस्थान में डेंगू के DANV-2 टाइप का कहर लोगों को तबाह कर रहा है.

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राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के डॉ अजय माथुर बताते हैं कि डेंगू के 4 स्टीरियोटाइप टाइप 1, टाइप 2, टाइप 3 और टाइप 4 होते हैं. और कोई भी शख्स अपने पूरे जीवनकाल में 4 बार डेंगू से पीड़ित हो सकता है. आगे उन्होंने बताया कि जब आप टाइप 1 से संक्रमित होते हैं तो उसकी इम्युनिटी जीवनभर बनी रहती है. मगर बाकी बचे स्टीरियोटाइप की इम्युनिटी का समयकाल 3 से 6 महीने का ही होता है.

ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि डेंगू बुखार से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि दिन में मच्छरों से खुद को बचाया जाए क्योंकि डेंगू के मच्छर दिन में ही अधिकतर काटते हैं. संभव हो तो लोग अधिक से अधिक वैसे कपड़े पहने जो उनके पूरे बदन को ढक कर रखे. ये दोनों उपाय बेहतर साबित हो सकते हैं. आम तौर पर डेंगू के मच्छर कूलर, खाली कंटेनर, फूलदान जैसे तमाम बर्तन में रखें ठहरे व साफ पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए बेहतर होगा की इस तरह के जगह पर पानी इकट्ठा न होने दें जिससे डेंगू फैलाने वाले मच्छरों की संख्या में हो रही बढ़त को काफी हद रोका जा सके. इस तरह के उपायों को अपनाकर डेंगू के प्रकोप से खुद को बचाया जा सकता है.

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