राजस्थान में सियासत के अलग-अलग रंग, महिला विधायकों ने यूं मनाई कजली तीज
- कजली तीज के चांद पर पहरा नजर आया. महिला विधायकों ने व्रत के बाद दिन में हाथों में मेहंदी रचाई और तीज के गीत गाए और उसके बाद चांद देखकर तीज की पूजा

इन दिनों राजस्थान के जैसलमेर में सियासत के अलग-अलग रंग दिखाई दे रहे हैं। सियासत के लिए विधायक अपने घर परिवार और क्षेत्र को छोड़कर एक फाइव स्टार होटल में जा बैठे हैं। ऐसे में पहले भाई-बहन का त्यौहार राखी दूरियों का मोहताज हुआ तो अब कजली तीज के चांद पर पहरा नजर आया। हालांकि महिला विधायकों ने व्रत के बाद दिन में हाथों में मेहंदी रचाई और तीज के गीत गाए और उसके बाद चांद देखकर तीज की पूजा भी की। लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कुराहट उनके चांद यानी पति उनसे दूर थे और विधायक सत्ता संग्राम की लक्ष्मण रेखा में घिरी हुई थी। ऐसे में वे वीडियो कॉलिंग के मार्फत ही अपने पति से बात करने को मजबूर रहीं। इस दौरान महिला विधायकों ने राजस्थानी गीत गाए। राजस्थान का मशहूर "बाईसा रा बीरा जैपूर जाईजो सा..." सहित कई गीत गाये।
हाथों में रचाई मेहंदी
दरअसल, राजस्थान में कजली तीज का विशेष महत्व है और इस त्योहार पर ये महिला विधायक अपने घर पर नहीं थीं। बाड़ेबंदी से बाहर जाने की इजाजत नहीं होने से उन्होंने कजरी तीज व्रत होटल में ही रखा। इस दौरान गीत गाते हुए महिला विधायकों ने एक-दूसरे के हाथों पर मेहंदी रचाई।
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