इमरजेंसी वाहन असुरक्षित, 400 निजी एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम ही नहीं

Smart News Team, Last updated: Wed, 16th Jun 2021, 2:01 PM IST
  • जयपुर आरटीओं में करीब 1700 एम्बुलेंस पंजीकृत हैं. इनमें से 400 निजी और 400 सरकारी स्तर पर चल रही है. 108 वाली सरकारी एम्बुलेंस में जीपीएस लगा हुआ है लेकिन इनकी परिवहन विभाग द्वारा मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. वहीं 400 निजी एम्बुलेंस में जीपीए लगा हुआ नहीं है.
आपातकालीन वाहन असुरक्षित, 400 निजी एम्बुलेंस में जीपीएस सिस्टम ही नहीं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जयपुर: आपातकाल में काम आने वाला वाहन ही सबसे असुरक्षित बन गया है. क्योंकि परिवहन विभाग के पास इसकी जानकारी नहीं है कि वर्तमान में प्रदेश में कितनी एम्बुलेंस संचालित की जा रही है, कितनी कंडम हो चुकी है और कितनी बंद हो चुकी हैं. ऐसे में एम्बुलेंस की लोकेशन का पता लगाना नामुमकिन सा है. हालांकि अब परिवहन विभाग ने सभी एम्बुलेंस में जीपीएस लगाने के आदेश दिए हैं. जयपुर आरटीओं में करीब 1700 एम्बुलेंस पंजीकृत हैं. जानकारी के अनुसार इनमें से वर्तमान में 800 एम्बुलेंस ही चल रही है. इनमें से 400 निजी और 400 सरकारी स्तर पर चल रही है. 108 वाली सरकारी एम्बुलेंस में जीपीएस लगा हुआ है लेकिन इनकी परिवहन विभाग द्वारा मॉनिटरिंग नहीं हो रही है. वहीं 400 निजी एम्बुलेंस में जीपीए लगा हुआ नहीं है.

मंत्री के स्टाफ को ब्लैकमेल करने वाली बहनों को नहीं मिली अग्रिम जमानत

कोरोना काल में सार्वजनिक परिवहन बंद रहने से सबसे अधिक एम्बुलेंस ही इस्तेमाल की गई. इस दौरान एम्बुलेंस चालकों ने आम आदमियों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम वूसले और आपराधिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया. कोरोना काल में ही एक महिला से चलती एम्बुलेंस में गैंगरेप की वारदात भी हुई.

पंजीकरण के बाद नहीं आती वापस

सामान्य तौर पर वाहन एक बार पंजीकृत होने के बाद टैक्स, परमिट, फिटनेंस आदि के लिए बार-बार आरटीओ व डीटीओ कार्यालय में लाया जाता है. ऐसे में वाहन की स्थति व वाहन चल रहा है या नहीं इसकी परिवहन विभाग की जानकारी में होता है. वहीं एम्बुलेंस एक बार पंजीकृत होने के बाद दुबारा से आरटीओ-डीटीओ कार्यालय में नहीं आती है. इसके कारण विभाग को यह पता नहीं होता है कि पिछले सालों में कितनी एम्बुलेंस चलन से बाहर हो गई है. यह लापरवाही किसी बड़ी घटना को आमंत्रित भी कर सकती है.

कांग्रेस MLA भंवरलाल शर्मा के बयानों से मची खलबली, सुलह कमेटी को बताया लॉलीपॉप

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें