CRS मंजूरी के बाद भी रेलवे प्रशासन कागजों में चला रहा इलेक्ट्रिक ट्रेन संचालन
- उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से इलेक्ट्रिक ट्रेन के संचालन से जयपुर से दिल्ली और अजमेर के यात्रियों को दूरी कम होने का फायदा मिलना था. कोरोना और रेलवे प्रशासन के उदासीन रवैये के चलते यात्रियों का इंतजार लंबा होता जा रहा है.

जयपुर. रेलवे प्रशासन के उदासीन रवैये के चलते इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू ना होने से यात्रियों का इंतजार लंबा होता जा रहा है. सीआरएस की मंजूरी मिलने के बाद भी अभी तक रेलवे प्रशासन इलेक्ट्रिक ट्रेन संचालन की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है. अभी भी यह योजना कागजों में ही चल रही है. इसके पीछे कोरोना भी कारण माना जा रहा है क्योंकि लॉकडाउन के कारण कई कार्य बीच में ही फंसे हैं. उत्तर पश्चिमी रेलवे की ओर से इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलाए जाने से जयपुर से दिल्ली और अजमेर जाने वाले यात्रियों को फायदा मिलना था और इस मार्ग की दूरी कम होने का उन्हें लाभ होना था. गौर हो कि इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू करने संबंधी कई साल पहले सीआरएस से मंजूरी ली जा चुकी है लेकिन, रेलवे प्रशासन की अनदेखी के चलते ट्रेन का संचालन शुरू नहीं किया जा सका है.
गौर हो कि गांधीनगर से कनकपुरा के रेल ट्रेक पर विद्युतीकरण का काम इस साल के शुरू में पूरा होना था, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है. इसके अलावा कोरोना और लॉकडाउन के कारण ट्रेन का ट्रायल और कई काम अधर में ही हैं. कनकपुरा से मदार और बस्सी से बांदीकुई का काम पिछले साल खत्म होने के बाद यहां पर ट्रायल और सीएसआर निरीक्षण के बाद इलेक्ट्रिक ट्रेन के संचालन की मंजूरी मिल चुकी है.
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उल्लेखनीय है कि रेवाड़ी से बांदीकुई के बीच करीब चार साल पहले मंजूरी मिल चुकी है. उत्तरी पश्चिमी रेलवे में इसी ट्रैक को सबसे पहले सीएसआर से इलेक्ट्रिक ट्रेन के संचालन की मंजरी मिली थी. इसके अलावा कनकपुरा से फुलेरा-मदार ट्रैक पर पिछले साल, अलवर से बांदीकुई तक 8 अगस्त, ढिगावड़ा से वाया जयपुर जंक्शन से कनकपुरा इसी वर्ष 28 नवंबर को और उदयपुर से डेटा के बीच इसी महीने सीएसआर निरीक्षण करने के बाद ट्रेन संचालन मंजूरी मिल चुकी है लेकिन, इन सभी मार्गों पर रेलवे प्रशासन के उदासीन रवैये की वजह से अब तक इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो सका है.
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