सरकारी विभागों ने बिजली तो ले ली काम में अब बिल चुकाने में आ रहा है जोर
- सरकारी विभागों ने अपने कार्यालयों में बिजली का उपयोग तो कर लिया लेकिन अब उनके द्वारा बिजली बिल का भुगतान करने में बहानेबाजी की जा रही है.

जयपुर: प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने अपने कार्यालयों में बिजली काम में तो ले ली लेकिन अब उनके द्वारा बिजली बिल का भुगतान करने में आनाकानी की जा रही है. इन विभागों के कार्यालयों पर करोड़ों रुपए का बिजली बकाया है. प्रदेश के सभी डिकॉमों का करीब 2 हजार करोड़ रुपए बिजली शुल्क बकाया है. सरकारी विभागों की ओर से बिजली के बिल भुगतान नहीं करने के कारण बिजली कंपनियों पर बकाया का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. स्थिति यह है कि बिल शुल्क वसूली से ज्यादा बिजली खरीद राशि देनी पड़ रही है. इसके लिए बिजली कंपनियों को लोन लेना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा बिजली का बिल स्वायत शासन विभाग और जलदाय विभाग के कार्यालयों पर बकाया है.
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इसे वसूलने में नाकाम बिजली कंपनियों ने मुख्य सचिव से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंगलवार को वर्चुअल बैठक हुई. इस वर्चुअल बैठक में ऊर्जा सचिव ने बकाया राशि नहीं मिलने से बिजली कंपनियों को हो रही परेशानी की जानकारी दी. इसमें मुख्य रूप से बिजली कंपनियों को समय पर बिल भुगतान में हो रही दिक्कत के बारे में बताया गया.
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इस प्रकार है बकाया राशि
विद्युत बिलों की सबसे अधिक बकाया राशि जयपुर डिस्कॉम पर है. जयपुर डिस्कॉम के 978 करोड़ रुपए बकाया है. दूसरे नंबर पर जोधर डिस्कॉम के बकाया है. जोधपुर डिस्कॉम को अभी भी 622 करोड़ रुपए विद्युत बिलों के वसूलने है. वहीं अजमेर डिस्कॉम के भी 336 करोड़ रुपए बकाया है.
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