हनुमान बेनीवाल ने कहा- जिला परिषद के बोर्ड गठन में गठबंधन धर्म निभाएंगे

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Dec 2020, 12:07 PM IST
  • नागौर और बाड़मेर में सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार भी चुनाव जीते हैं. नागौर और बाड़मेर में जिला परिषद में बोर्ड बनाने के लिए दो राजनीतिक दलों को साथ आना ही होगा.
राष्ट्रीय लोकतात्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल

जयपुर. राजस्थान की बाड़मेर, डूंगरपुर और नागौर जिला परिषद में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है. नागौर और बाड़मेर में सांसद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार भी चुनाव जीते हैं. नागौर की 47 सदस्यों वाली जिला परिषद में 18 कांग्रेस, 20 भाजपा और 9 आरएलपी के उम्मीदवार जीते हैं, जबकि बाड़मेर के 37 सदस्यों वाली जिला परिषद में 18-18 सीटें भाजपा-कांग्रेस ने जीती है. एक वार्ड में आरएलपी उम्मीदवार जीता है. 

बाड़मेर और नागौर में आरएलपी पर निर्भर करेगा कि वह किसे समर्थन देते हैं. यहां सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कृषि बिलों को लेकर केंद्र सरकार को समर्थन पर पुनर्विचार की चेतावनी दे चुके आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल क्या भाजपा के साथ गठबंधन का धर्म निभाएंगे. आरएलपी का केंद्र में तो भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन है, लेकिन प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव भाजपा से अलग होकर लड़ी है. नागौर और बाड़मेर में एक भी निर्दलीय चुनाव नहीं जीता है. ऐसे में यहां जिला परिषद में बोर्ड बनाने के लिए दो राजनीतिक दलों को साथ आना ही होगा. बता दें कि करीब एक सप्ताह पहले आरएलपी अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने दो टूक कहा कि अगर केंद्र सरकार ने तीनों किसान बिल वापस नहीं लिए तो उनकी पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन पर विचार करेगी. उन्होंने अपने पत्र में किसानों को दिल्ली में बातचीत के लिए उचित स्थान देने भी की मांग की. 

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बेनीवाल ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार को दिल्ली आ रहे किसानों की बात सुनकर कृषि कानून को वापस लेने की जरूरत है. हरियाणा समेत आस-पास के राज्यों की सरकारें किसानों पर कोई दमनकारी नीति नहीं अपनाएं. अगर पुलिस और सरकारों ने किसानों के विरोध में कोई दमनकारी नीति अपनाई तो आरएलपी राजस्थान समेत देश भर में किसानों के पक्ष में प्रदर्शन करेगी. साथ ही केंद्र को स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करने की भी जरूरत है, ताकि किसानों का भला हो सके.

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