तौकते से पहले की सतर्कता, कोरोना मरीजों को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने दिया ये आदेश

Smart News Team, Last updated: Sun, 16th May 2021, 7:59 PM IST
  • चक्रवात तौकते के सम्भावित खतरे को लेकर सभी चिंतित हैं. कोरोना महामारी में इस तूफान का असर अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर ना पड़े. इस ओर सभी विभाग प्रयास कर रहे हैं.
प्रतिकात्मक तस्वीर 

जयपुर. चक्रवात तौकते के संभावित खतरे को देखते हुए कोरोना मरीजों को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि इस चक्रवात का असर कोरोना के मरीजों पर भी पड़ सकता है. ऐसे में राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग ने इस तूफान के असर को देखते हुए पहले से ही सतर्कता बरतनी शुरु कर दी है. स्वास्थ्य सचिव अखिल अरोरा ने सभी जिला कलेक्टरों को तूफान आने से पहले बैकअप रखने के आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि तूफान के कारण बिजली व्यवस्था गड़बड़ा सकती है. इसलिए अस्पतालों में जेनरेटर की व्यवस्था रखी जाए. उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में बड़ी तादाद में मरीज ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट पर है, ऐसे में बिजली जाने पर समस्या हो सकती है. ऐसे में अस्पताल में काफी दिनों से जेनरेटर बंद है तो सही कराने को कहा गया है.

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि अस्पतालों में वेंटिलेटर पर मरीज भर्ती हैं. बीमारी के कारण ज्यादातर मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है. तूफान के असर के कारण बिजली की व्यवस्था भी बिगड़ सकती है, ऐसे में मरीजों को काफी समस्या हो सकती है. दरअसल, कोरोना बीमारी के कारण मरीज का ऑक्सीजन स्तर कम होने लगता है. इसके बाद मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है. चक्रवाती तूफान का असर कई जिलों में पड़ेगा.

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मौसम विभाग की मानें तो चक्रवात का असर पश्चिमी राजस्थान पर ज्यादा पड़ेगा। इसके चलते 18 और 19 मई को पश्चिम राजस्थान के कई इलाकों में बहुत भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग 24 घंटे के भीतर 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक की बारिश को भारी, वहीं 115.6 मिलीमीटर से लेकर 204.4 मिलीमीटर तक बारिश को बहुत भारी बारिश कहता है. चक्रवात के असर वाले इलाकों में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक से हवाएं चल सकती हैं. वहीं, 17 और 18 मई को कई जगहों पर 150 से 175 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का भी अनुमान है.

इस चक्रवात से निपटने के लिए बिजली विभाग ने भी तैयारियां शुरु कर दी है. प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा ने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है सभी वितरण निगमों, संभागों एवं सर्किल स्तर पर 24 घंटे कार्यरत रहने वाले कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी. जिसमें राउंड द क्लॉक कनिष्ठ अभियंता ड्यूटी देंगे. साथ ही चीफ इंजीनियर मैटीरियल मैनेजमेंट जरूरी सामान जैसे ट्रांसफ़ॉर्मर, पोल, कंडक्टर आदि पर्याप्त मात्रा में मौजूद हो यह सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने सभी वितरण निगमों के अधिकारियों को अपने हैडक्वाटर पर इमरजेंसी टीम को वाहन व ज़रूरी सामान और उपकरण के साथ 24 घंटे तैयार रखने के निर्देश दिए है. यह टीम संबंधित सहायक अभियंता (ओ एंड एम) और अधिशाषी अभियन्ता (ओ एंड एम) के निर्देशन में काम करेंगे. 

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