जल जीवन मिशन में इंजीनियरों की धांधलेबाजी, ज्यादा लागत की भेजी परियोजना

Smart News Team, Last updated: Sat, 19th Jun 2021, 2:30 PM IST
  • जलदाय विभाग द्वारा तकनीकी परीक्षण में हुई बचत के पैसों से ज्यादा गांव व ढाणियों में पेयजल उपलब्ध कराने में खर्च किया जाएगा. तकनीकी परीक्षण में परियोजनाओं की लागत 30 से 50 करोड़ रुपए तक कम हो रही है.
प्रतीकात्मक तस्वीर

जयपुर: प्रदेश के 84 लाख घरों में पानी पहुंचाने के लिए संचालित जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदार और फील्ड इंजीनियरों की ओर से तैयार परियोजनाओं की तकनीकी परीक्षण में पोल खुल रही है. जल जीवन मिशन के तहत फील्ड इंजीनियर कई गुना लागत की पेयजल परियोजनाएं बनाकर भेज रहे हैं. तकनीकी परीक्षण में यह बात सामने आ रही है. अधिकारियों का कहना है कि इस बचत के पैसे को ज्यादा गांव व ढाणियों में पेयजल उपलब्ध कराने में खर्च किया जाएगा. जलदाय विभाग पेयजल परियोजनाओं का गहन तकनीकी परीक्षण कर अब तक 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत कर चुका है. स्थिति यह है कि तकनीकी परीक्षण में परियोजनाओं की लागत 30 से 50 करोड़ रुपए तक कम हो रही है.

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गौरतलब है कि जलदाय विभाग में फील्ड इंजीनियर और ठेकेदारों का गठजोड़ किसी से छुपा हुआ नहीं है. ठेकेदारों के दबाव में इंजीनियर वास्तविक लागत से कई गुना लागत की परियोजनाएं बनाते हैं. इस स्थिति में जल जीवन मिशन में लगातार अनियमित्ताएं सामने आती जा रही है. हालंकि तकनीकी समिति कई जगह जरूरत के हिसाब से लागत बढ़ाकर भी तकनीकी स्वीकृतियां भी जारी करती है.

एक टंकी व पाइप लाइन की जरूरत वहां दो-दो के प्रोजेक्ट बनाकर भेजे  

तकनीकी समिति के परीक्षण में सामने आया है कि जिन गांवों में एक टंकी से पेयजल सप्लाई हो सकता है वहां दो टंकियों या फिर दो-दो पेयजल लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट बना कर भेज गए हैं. समिति के जमीनी स्तर पर परीक्षण करने पर ऐसे प्रस्तावों की पोल खोलकर रख दी है

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